नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आज भारत बंद बुलाया गया है। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल में हिंसात्मक घटनाएं घटित हुईं हैं। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है।
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आज भारत बंद बुलाया गया है। जिसमें एक ओर जहां शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया है। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है। इन सब के बीच जंतर-मंतर पर आयोजित प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता तपन बोस का एक बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने भारतीय सेना की तुलना पाकिस्तानी सेना से कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को भारत का दुश्मन देश बताने से इंकार कर दिया है।
क्या कहा तपन बोस ने ?
प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता तपन बोस ने कहा, "हमारे पड़ोसी देश के साथ शांति से रहने का काम करते हैं वो देशभक्त हैं, देशद्रोही नहीं। बोसे ने कहा, "हर बात पर पाकिस्तानी कहने का कोई मतलब नहीं है, पाकिस्तान कोई दुश्मन देश नहीं है। भारत और पाकिस्तान का शासक वर्ग एक जैसा है। हमारी सेनाएं भी एक जैसी हैं, उनकी सेना अपने लोगों को मारती है और हमारी सेना हमारे लोगों को मारती है, उनमें कोई अंतर नहीं है। पाकिस्तान में जाए तो बड़े प्यार से लोग कहते है सुलह कैसे हो कुछ करा दीजिए आप...।"
पश्चिम बंगाल में हिंसा दो की मौत
नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा हुई है। मुर्शिदाबाद के जलांगी इलाके में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं और स्थानीय लोगों में झड़प के बाद हिंसा भड़क गई। जानकारी के मुताबिक टीएमसी कार्यकर्ता सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया और दोनों पक्षों में झड़प हो गई। झड़प ने धीरे-धीरे हिंसा का रूप ले लिया। इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक लापता बताया जा रहा है। इसके अलावा पांच गंभीर रूप से घायल हैं।
दादी चलो जंतर-मंतर
शाहीन बाग में पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन का दौर जारी है। जिसके बाद अब प्रदर्शनकारियों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। इसके लिए 'दादी चलो जंतर-मंतर' का नारा दिया गया है। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में महिलाएं हिस्सा ले रही हैं।
क्या है मांग ?
शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन कानून को वापस लिया जाए। इसके साथ ही एनआरसी और एनपीआर पर भी रोक लगाई जाए। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा 10 जनवरी से पूरे देश में अधिसूचना जारी कर नागरिकता संशोधन कानून को लागू कर दिया गया है। हालांकि इससे पहले पिछले साल दिसंबर महिने में मोदी सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया था। जिसे काफी लंबे और विस्तार पूर्वक बहस के बाद पूर्ण बहुमत से पारित किया गया था। जिस पर राष्ट्रपति ने भी हस्ताक्षर कर दिया था। जिसके बाद यह बिल कानून बन गया था।
क्या है सीएए ?
दरअसल, केंद्र सरकार तीन पड़ोसी देश (पाकिस्तान, आफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक प्रताड़ना का दंश झेल रहे अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता पाने का अधिकार दिया है।