
नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। आज राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत होगा और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में ट्रेड, डिफेंस और एनर्जी समझौतों पर चर्चा होगी। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, सीडीएस जनरल अनिल चौहान समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
पुतिन का यह भारत दौरा 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहला है। इस दौरे का फोकस ट्रेड, डिफेंस और एनर्जी के समझौतों पर होगा। शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ भी उनकी मुलाकात होगी।
दोनों नेताओं की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए व्यापारिक और रक्षा समझौतों की घोषणा होने की संभावना है। यह भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करेगा और वैश्विक अस्थिरता के बीच पुराने सहयोगियों को बनाए रखने में मदद करेगा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के अनुसार, भारत हमेशा से अलग-अलग देशों के साथ स्वतंत्र रिश्ते बनाने में सक्षम रहा है। पुतिन का दौरा भारत-रूस संबंधों को मजबूत करेगा, लेकिन किसी भी देश के साथ संबंधों पर नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर और औपचारिक स्वागत का माहौल बेहद भव्य था। अधिकारियों और गणमान्य लोगों की मौजूदगी ने इसे और विशेष बना दिया।
पुतिन और मोदी की बैठक में भारत के डिफेंस सेक्टर और एनर्जी कोलैबोरेशन पर फोकस रहेगा। इन समझौतों से दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक हितों को बढ़ावा मिलेगा।
रात को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से होने वाली मुलाकात में कई महत्वपूर्ण निर्णय और ऐलान होने की संभावना है। यह पूरी दुनिया की नजरें भारत-रूस रिश्तों पर केंद्रित कर देगा। पुतिन का भारत दौरा 2025 ना केवल दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करेगा बल्कि वैश्विक राजनीति और आर्थिक सहयोग में भी अहम भूमिका निभाएगा। ट्रेड, डिफेंस और एनर्जी समझौते इस दौरे की मुख्य खासियत हैं।