गुजरात दंगा-2002: लोग कुतुबुद्दीन अंसारी को नहीं भूल सकते, क्योंकि तीस्ता सीतलवाड़ के NGO ने खूब भुनाया था

गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगे को लेकर SIT द्वारा अहमदाबाद सेशन कोर्ट में पेश एफिडेविट में कई चौंकाने वाले राज़ खोले गए हैं। इनमें एक रहस्य गुजरात दंगे का चेहरा बनकर सामने आए कुतुबुद्दीन अंसारी को लेकर भी है।  पढ़िए तीस्ता सीतलवाड़ का अंसारी से क्या कनेक्शन रहा है?

Amitabh Budholiya | Published : Jul 16, 2022 7:45 AM IST / Updated: Jul 16 2022, 01:51 PM IST

अहमदाबाद. गुजरात में वर्ष 2002 में हुए साम्प्रदायिक दंगे को लेकर जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) द्वारा अहमदाबाद सेशन कोर्ट में पेश एफिडेविट में कई चौंकाने वाले राज़ खोले गए हैं। इनमें एक रहस्य गुजरात दंगे का चेहरा बनकर सामने आए कुतुबुद्दीन अंसारी को लेकर भी है। पहले बता दें कि गुजरात दंगों को लेकर कांग्रेस बुरी तरह फंसती दिख रही है। दंगों को लेकर जांच कर रही SIT के कथित सोशल वर्कर तीस्‍ता सीतलवाड़ को लेकर किए गए खुलासे के बाद राजनीति गर्मा गई है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने शनिवार को एफिडेविट के आधार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पढ़िए कौन हैं ये कुतुबुद्दीन अंसारी? और एफिडेविट के खास बिंदू...

कुतुबुद्दीन अंसारी की इस तस्वीर को तीस्ता ने खूब भुनाया
SIT के Affidavit में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। एफिडेविट में गुजरात दंगों का चेहरा बन चुके कुतुबुदीन अंसारी के बयान का भी हवाला दिया गया है कि कैसे तीस्ता सीतलवाड़ ने उसकी तस्वीर का दुरूपयोग करके उसके नाम को भुनाया और बाद में तंग आकर कुतुबुदीन अंसारी तीस्ता से अलग हो गया। SIT का कहना है कि तीस्ता और उनके NGO ने कुतुबुद्दीन अंसारी की तस्वीर और उनके इंटरव्यू का इस्तेमाल कर फंड इकट्ठा किया।

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-इसके अलावा ऐफिडेविट में गृह मंत्रालय के हवाले से उन बैंक खातों का ब्यौरा दिया गया है, जहां तीस्ता को कितना पैसा विदेशों से मिला जो दंगा पीड़ितों के लिए उपयोग में लाने के बजाएए उसने खुद पर खर्च किया। 

-SIT को एक विटनेस ने बताया की गोधरा हादसे के कुछ दिन बाद अहमद पटेल ने उसके हाथों, तीस्ता को 5 लाख रुपये कैश भिजवाए थे। उसके दो दिन बाद ही अहमदाबाद के शाहीबाग सर्किट हाउस में तीस्ता और अहमद पटेल कि मीटिंग हुई थी, जिसके बाद उसी विटनेस द्वारा तीस्ता को 25 लाख रुपये और भिजवाए गए।

तीस्ता गोधरा हादसे के एक हफ्ते बाद ही RB SREEKUMAR और SANJEEV BHATT से मिली थी। जबकि ये दोनों अधिकारी किसी भी कैपेसिटी में रिलीफ वर्क के साथ नहीं जुड़े हुए थे। बाद में ये तीनों अहमद पटेल के दिल्ली स्थित निवास पर भी कई मीटिंग्स कर चुके थे।

-2006 में पंडरवाड़ा नरकंकाल खुदाई के लिए मीडियाकर्मियों को तीस्ता और RB SREEKUMAR अपने साथ ले गए थे, जहा एक विटनेस के अनुसार तीस्ता ने कहा था-"अब ये सरकार तीन दिन में गिर जाएगी।" 

तीस्ता, शबाना आज़मी और जावेद अख्तर को राजयसभा में भेजे जाने से थीं। इसके बाद तीस्ता को 2007 में पद्मश्री मिला था।

2019 में एक नए रूप में नजर आए थे कुतुबद्दीन अंसारी
आप जब इंटनेट पर गुजरात दंगा सर्च करेंगे, तो अशोक मोची की दिल दहलाने वाली, जबकि कुतुबुद्दीन अंसारी की ह्रदयविदारक तस्वीर सामने आ जाएगी। ये वो दो तस्वीरें हैं, जो गुजरात दंगों के भयानक मंजर और बाद के दर्द की पूरी कहानी बयां कर देती हैं। लेकिन 2019 में अशोक मोची और कुतुबद्दीन अंसारी की एक साथ तस्वीर सामने आई थी। अशोक मोची और कुतुबुद्दीन अंसारी एक ही मार्केट में शॉप चलाते हैं। अशोक ने जब जूते-चप्पलों की अपनी शॉप खोली, तो उसका फीता काटने अंसारी को बुलाया था। मकसद था लोग अपने किए पर पछताएं। जो हुआ, उसे न दुहराएं। बता दें कि अपनी दिल दहलाने वाली तस्वीर का दुरुपयोग रोकने 2016 में अंसारी ने मीडिया के जरिये अपील की थी-अब मेरा इस्तेमाल बंद करो। जब गुजरात में दंगा हुआ था, तब कुतुबुद्दीन अंसारी की उम्र 29 साल थी। अंसारी की तस्वीर को असम और पश्चिम बंगाल के चुनावों में राजनीतिक रणनीति के तहत तक इस्तेमाल किया गया। तस्वीर के नीचे मोदी के लेकर भ्रामक तथ्य दिए गए। जैसे-क्या मोदी के गुजरात का मतलब विकास है? फिल्मों में भी अंसारी की इस तस्वीर का गलत इस्तेमाल किया गया। 

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