राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने शुक्रवार को सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह विधेयक जाति जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने की रणनीति है।
Rahul Gandhi compares MPs with idols in Temples: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद सदस्यों की तुलना मंदिरों में रखी मूर्तियों से करते हुए कहा कि इनके पास भी मूर्तियों की तरह कोई शक्ति नहीं है। राहुल गांधी इस बयान के बाद विवादों से घिर गए हैं। राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने शुक्रवार को सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह विधेयक जाति जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने की रणनीति है।
सांसदों को मंदिर में मूर्तियां पसंद हैं: राहुल गांधी
लोकसभा में भाजपा के पास ओबीसी प्रतिनिधित्व है लेकिन यह सब कहने के लिए है। कोई भी बीजेपी का ओबीसी एमपी, अपने हक के लिए बात नहीं कर सकता। सारा निर्णय अमित शाह लेते हैं और उनके सामने बोलने की हिम्मत किसी भी बीजेपी सांसद के पास नहीं। अमित शाह पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा कि कोई भी भाजपा सांसद कोई निर्णय नहीं ले सकता या कानून बनाने में भाग नहीं ले सकता। राहुल गांधी ने कहा कि न तो कांग्रेस सांसद, न ही बीजेपी सांसद, न ही कोई अन्य सांसद। सांसदों को मंदिरों में मूर्तियों में बदल दिया गया है। ओबीसी सांसदों को (संसद में) मूर्तियों की तरह भर दिया गया है, लेकिन उनके पास कोई शक्ति नहीं है। देश चलाने में उनका कोई योगदान नहीं है। यह एक सवाल है जो मैंने उठाया है।
राहुल गांधी फिर हुए बेनकाब: मुरलीधर राव
उधर, राहुल गांधी द्वारा सांसदों की तुलना 'बिना शक्ति' वाली मंदिर की मूर्तियों से करने पर कई भाजपा नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने आलोचना की है। भाजपा के पूर्व महासचिव पी मुरलीधर राव ने राहुल गांधी पर उनकी टिप्पणियों को लेकर निशाना साधा और पूछा कि अगर गांधी परिवार को लगता है कि मूर्तियाँ शक्तिहीन हैं तो वे मंदिरों में क्यों जाते हैं। मुरलीधर राव ने कहा कि हिंदू विरोधी राहुल गांधी और कांग्रेस फिर बेनकाब हुई है। अगर राहुल गांधी को लगता है कि मंदिरों में मूर्तियां शक्तिहीन और निर्जीव हैं तो वे इतने सारे मंदिरों में क्यों जाते हैं?? इससे ज्यादा अपमानजनक बात हिंदुओं के लिए नहीं हो सकती। हालांकि, चुनावी हिंदू राहुल गांधी के लिए हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाना कोई नई बात नहीं है।
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