पेपर बनाने वाले अगड़ी जातियों के होते इसलिए दलित फेल हो जाता...राहुल गांधी के विवादित बयान से सोशल मीडिया पर भड़के यूजर्स

राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह मेघ अपडेट्स नामक ट्वीट हैंडल पर शेयर किया गया है।

Viral statement of Rahul Gandhi: प्रतियोगी परीक्षाओं में वंचित वर्ग, अनुसूचित वर्ग व अगड़ी जातियों के बीच भेदभाव का आरोप लगाने वाला राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। Video में राहुल गांधी कुछ लोगों से बातचीत करते हुए पूरे सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि अगड़ी जातियों के लोग परीक्षा में पेपर सेट करते हैं इसलिए दलित जातियों के लोग फेल हो जाते हैं। अमेरिका में काले और गोरों के बीच लंबे समय तक इस तरह के रहे भेदभाव का उदाहरण देते हुए राहुल गांधी आमजन को समझाते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस वीडियो को लेकर यूजर्स ने कांग्रेस नेता पर समाज में विद्वेष फैलाने का आरोप लगाया है। यूजर्स का कहना है कि राहुल गांधी सामाजिक ताना बाना को तोड़ने का काम कर रहे हैं।

 

 

वीडियो में राहुल गांधी ने क्या कहा..पढ़िए टेक्स्ट में…

दरअसल, राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह मेघ अपडेट्स नामक ट्वीट हैंडल पर शेयर किया गया है। इस यूजर आईडी पर शेयर किए गए वीडियो में राहुल गांधी कह रहे...

सबसे अधिक जो मेरिट कहा जाता है उसका निर्णय कौन लेता है?मैं आपको छोटी सी कहानी बताता हूं। बड़ा सुंदर एक्सपेरिमेंट हुआ अमेरिका में...जैसे हमारे यहां आईआईटी होती है, अमेरिका में टॉप एक्जाम्स को एसएटी कहते हैं। जब एसएटी पहले लागू हुआ तो एक अजीब सी चीज आई। जो अमेरिका में गोरे थे वो सब टॉप कर रहे थे। और जो काले चमड़ी वाले थे इतना अच्छा नहीं कर रहे थे। जो स्पेनिश बोलते हैं वह भी इतना अच्छा नहीं कर रहे थे।

इस पर जो बड़े-बड़े एकेडमिक्स हैं उन्होंने कहा कि ये जो काले हैं, और जो स्पैनिश बोलने वाले लैटिन अमेरिकन्स हैं, ये मेरिटोरियस नहीं हैं। इनको बात समझ नहीं आ रही है और इनकी क्षमता नहीं है। यह काफी समय तक चला। लेकिन एक प्रोफेसर ने एक काम किया। उसने कहा कि एक काम करता हूं। फिर उसने क्या किया जो पेपर लिखे गए थे उनको कालों से लिखवाया। सिर्फ इतना किया कि पेपर कालों से लिखवा लेते हैं और फिर वो ही एग्जाम दे देते हैं। बताएं क्या हुआ...गोरे सब फेल हो गए।

राहुल गांधी वीडियो में यह कह रहे हैं कि इसका मलतब जो सिस्टम को कंट्रोल कर रहा है। वही मेरिड डिसाइड कर रहा है। अब मान लो आप किसान के बेटे हो और मैं किसी ब्यूरोक्रेट का बेटा हूं। अगर एग्जाम लिखोगे तो मैं फेल होउंगा ही होउंगा। और मैं एग्जाम लिखूंगा तो आप फेल होगे। ये कहना कि भइया ये मेरिट से आया है और यह मेरिट से नहीं...लेकिन सवाल यह है भइया कि वो जो ऊपर बैठा है वह कौन है? वह मुझे पहले बताओ...अब अगर आप मुझे कह रहे हो कि आईआईटी का जो एग्जाम लिख रहे हैं वो सारे के सारे अपर कास्ट के हैं और दलित फेल हो रहे हैं तो फिर एक काम करो...दलितों से लिखवा कर दिखाओ।

सोशल मीडिया पर जताई जा रही आपत्ति

राहुल गांधी के बयान पर सोशल मीडिया पर आपत्ति जताई जा रही है। कुछ इसे समाज को बांटने वाला बयान बता रहे तो कुछ इसे समाज के लिए खतरा बता रहे हैं। एक यूजर राहुल गांधी के बयान को हिंदुओं को बांटने वाला बयान बता रहा है। तो एक ने इसे ब्रिटिश पॉलिसी करार दिया है। एक यूजर ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी संपत्ति को गरीबों में बांट देना चाहिए फिर बात करनी चाहिए।

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