दिल्ली से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर ऐसा डेटा दे रहा है जो मशीन-रीडेबल नहीं है, ताकि चुनावी गड़बड़ियों की जांच न हो सके। राहुल ने बताया कि अगर डेटा इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मिलता तो विश्लेषण 30 सेकंड में हो सकता था, लेकिन उन्हें 7 फीट लंबे कागज़ दिए गए, जिनका विश्लेषण करने में 6 महीने लग गए। क्या वाकई ECI पारदर्शिता से भाग रहा है?