असम के मंदिर में राहुल गांधी को प्रवेश से रोके जाने पर पत्रकारों ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से पूछा था सवाल।
गुवाहाटी: असम में भारत जोड़ो यात्रा लेकर पहुंचे राहुल गांधी को मंदिर जाने से रोके जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनकी तुलना रावण से कर दी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पत्रकारों के सवाल पर पूछा कि आज राम की बात करिए, आप रावण की बात क्यों कर रहे हैं।
क्या कहा हिमंत बिस्वा सरमा ने?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से एक पत्रकार ने पूछा कि कांग्रेस के राहुल गांधी को राज्य के एक मंदिर में प्रवेश की अनुमति क्यों नहीं दी गई। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप रावण की बात क्यों कर रहे हैं?" कम से कम आज राम के बारे में बात करें? 500 साल बाद, आज राम के बारे में बात करने का अच्छा दिन है। आज कम से कम हम रावण के बारे में बात न करें।
राहुल गांधी असम में कर रहे पदयात्रा
भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू होकर असम में पहुंची है। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी सोमवार को नगांव में 15वीं सदी के असमिया संत और विद्वान श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली, राज्य के प्रसिद्ध बताद्रवा सत्र मंदिर जा रहे थे। लेकिन मंदिर में प्रवेश पर राज्य के अधिकारियों ने रोक दिया। इससे नाराज होकर राहुल गांधी नगांव के सड़क पर ही धरना पर बैठ गए और रघुपति राघव राजाराम गाकर अपना विरोध दर्ज कराया। इसके बाद राहुल गांधी ने पड़ोसी जिला मोरीगांव में एक नुक्कड़ सभा भी की।
एक दिन पहले राहुल गांधी की न्याय यात्रा के दौरान कथित तौर पर हमला भी किया गया था। राहुल गांधी के साथ धक्कामुक्की भी की गई और सुरक्षाकर्मियों ने घेरा बनाकर राहुल गांधी को बाहरी लोगों के बीच से बस तक पहुंचाया। जयराम रमेश के काफिले पर भी हमला किया गया था और तोड़फोड़ किया गया।
सरमा ने एक दिन पहले ही चेताया
रविवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए भारत जोड़ो न्याय यात्रा को रोकने या उसका रूट बदलने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि अगर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन राहुल गांधी किसी मंदिर में जाएंगे तो टकराव होगा। मीडिया दोनों को फोकस करेगी और कुछ भी हो सकता।
कांग्रेस नेताओं ने निमंत्रण कर दिया था अस्वीकार
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के समारोह में भाग लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण मिला था लेकिन तीनों नेताओं ने धार्मिक आयोजन के राजनीतिकरण पर आपत्ति जताते हुए इसे अस्वीकार कर दिया था।
राहुल गांधी ने कहा था-नरेंद्र मोदी समारोह
उधर, राहुल गांधी ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को नरेंद्र मोदी समारोह बताते हुए हमला बोला था। राहुल ने कहा कि आरएसएस और भाजपा ने 22 जनवरी के समारोह को पूरी तरह से राजनीतिक, नरेंद्र मोदी समारोह बना दिया है। यह आरएसएस-भाजपा समारोह बन गया है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए एक राजनीतिक समारोह में जाना मुश्किल है, जो भारत के प्रधान मंत्री और आरएसएस के इर्द-गिर्द बनाया गया है। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमारे सहयोगियों या हमारी पार्टी में से जो कोई भी राम मंदिर के दर्शन करना चाहेगा उसका स्वागत है। हमारे लिए 22 जनवरी को (मंदिर) जाना मुश्किल है। यह प्रधानमंत्री का कार्यक्रम है और आरएसएस का कार्यक्रम है और हम इसमें शामिल होने जा रहे हैं... यह संभव नहीं है।
जबकि बीजेपी ने आमंत्रण अस्वीकार करने की आलोचना करते हुए कांग्रेस को हिंदुत्व विरोधी बताया था। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राहुल गांधी को ला-ला दुनिया में रहने वाला बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को चुनाव में जनता सजा देगी।
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