भारत बंद; राहुल गांधी ने किया सपोर्ट, 25 करोड़ कामगार किसानों के शामिल होने का दावा

देश के दर्जन भर श्रमिक, किसान संगठनों ने मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में आठ जनवरी को ‘ग्रामीण भारत बंद’ आयोजित किया है राहुल गांधी ने भारत बंद का समर्थन किया है

Asianet News Hindi | Published : Jan 8, 2020 6:17 AM IST

नई दिल्ली: अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार अंजान ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों के नेताओं को पत्र लिखकर ग्रामीण भारत बंद को समर्थन देने की अपील की है। संगठन की विज्ञप्ति के अनुसार, अंजान ने आठ जनवरी 2020 को प्रस्तावित ग्रामीण भारत बंद को समर्थन देने के लिये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, बसपा अध्यक्ष मायावती, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है ।

उन्होंने दावा किया कि आठ जनवरी को आयोजित होने वाले इस बंद को छात्र, युवा, महिला सहित सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठनों का पूर्ण समर्थन है ।

राहुल ने भारत बंद का समर्थन किया

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से बुलाये गये “भारत बंद” का समर्थन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मोदी-शाह सरकार की जनविरोधी, श्रमिक विरोधी नीतियों ने भयावह बेरोजगारी पैदा की है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कमजोर किया जा रहा है, ताकि इन्हें मोदी के पूंजीपति मित्रों को बेचने को सही ठहराया जा सके।”

गांधी ने कहा, “आज 25 करोड़ कामगारों ने इसके विरोध में भारत बंद बुलाया है। मैं उन्हें सलाम करता हूं।”

गौरतलब है कि मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 10 मजदूर संगठनों ने बुधवार को भारत बंद के रूप में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इनका दावा है भारत बंद में 25 करोड़ लोग शामिल होंगे।

सरकार ने कर्मचारियों को हड़ताल से दूर रहने को कहा

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कहा है कि वे अपने कर्मचारियों को आठ जनवरी की प्रस्तावित हड़ताल से दूर रहने को कहें। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों से इसके साथ ही कामकाज के सुचारू तरीके से संचालन को आपात योजना भी तैयार करने की सलाह दी है।

ट्रेड यूनियनों इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी सहित विभिन्न संघों और फेडरेशनों ने पिछले साल सितंबर में आठ जनवरी, 2020 को हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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