अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने महागठबंधन बनाया है, जो बीजेपी को हराने के लिए मैदान में है। लेकिन इस गठबंधन के बीच दरार अब बड़ी ही होती जा रही है।
Rahul Gandhi Akhilesh Yadav. केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी दलों ने संयुक्त मोर्चा इंडी अलायंस तैयार किया है। लेकिन हाल-फिलहाल की कई घटनाएं यह बताती हैं कि इस गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। खासकर यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अब खुलकर गठबंधन की गांठ खोलते नजर आ रहे हैं। हाल ही में राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को लेकर बयान दिया है, जिस पर खुद अखिलेश यादव ने चुटकी ली है।
राहुल गांधी ने क्या कहा और अखिलेश ने क्या जवाब दिया
एक चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का पक्ष लेते हुए कहा कि यह एक तरह से एक्स-रे है, जो देश के विभिन्न समुदायों का विवरण सामने रखेगा। वहीं जब अखिलेश यादव से इस पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा जातिगत जनगणना की डिमांड करने किसी चमत्कार से कम नहीं है। यादव ने कहा कि पिछली सरकारों ने चाहा होता तो यह बहुत पहले ही हो जाता। अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन से तब से नाराज है, जब से मध्य प्रदेश विधानसभा सीट के लिए उन्हें कांग्रेस ने सीटें ऑफर नहीं कीं।
अखिलेश यादव ने राहुल गांधी पर कसा तंज
अखिलेश यादव ने राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए कहा कि एक्स-रे उस समय की जरूरत थी, जब वे सत्ता में थे। अब तो यह बीमारी काफी फैल गई है और हमारे पास एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) और सीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) स्कैन है। अगर यह समस्या उसी समय हल हो जाती, तो इतना आज समाज में इतना अंतर नहीं होता। अखिलेश ने कहा कि सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि कांग्रेस पार्टी जाति जनगणना के बारे में भी बात कर रही है। जो लोग एक्स-रे के बारे में बात कर रहे हैं, वे वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के बाद जाति जनगणना बंद कर दी थी।
अखिलेश यादव ने भारत को आजादी मिलने के बाद जाति जनगणना नहीं कराने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब नेता जी (मुलायम सिंह यादव), शरद यादव, लालू प्रसाद यादव और दक्षिण भारत की पार्टियों ने लोकसभा में मांग उठाई तो कांग्रेस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
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