झारखंड की कोयला नगरी के नाम से मशहूर धनबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, यहां हनुमान जी को मंदिर खाली करने के लिए नोटिस भेजा गया है। ये नोटिस ईस्ट सेंट्रल रेलवे की ओर से मंदिर के बाहर चिपकाया गया है, जो कि हनुमान मंदिर के नाम से है। इस नोटिस को पढ़ने के बाद इस इलाके के लोग भी हैरान हैं।
धनबाद। झारखंड की कोयला नगरी के नाम से मशहूर धनबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, यहां हनुमान जी को मंदिर खाली करने के लिए नोटिस भेजा गया है। ये नोटिस ईस्ट सेंट्रल रेलवे की ओर से मंदिर के बाहर चिपकाया गया है, जो कि हनुमान मंदिर के नाम से है। इस नोटिस को पढ़ने के बाद इस इलाके के लोग भी हैरान हैं। बता दें कि रेलवे का कहना है कि धनबाद के जिस इलाके में पिछले 20 सालों से लोग रह रहे हैं, वो रेलवे की जमीन पर है। लोगों ने यहां मंदिर भी बना लिया है, जिसे अब वो खाली करवाना चाहता है।
आखिर क्या है पूरा मामला?
यह मामला धनबाद के बेकार बांध कालोनी का है। यहां की खटीक बस्ती में रेलवे ने अपनी जमीन खाली कराने के लिए नोटिस जारी किया है। रेलवे का कहना है कि बेकार बांध के खटीक मोहल्ले में लोग पिछले कई सालों से अवैध रूप से रेलवे की जमीन पर रह रहे हैं। खटीक समुदाय के ये लोग उत्तर प्रदेश से आए हैं और यहां झुग्गियां बनाकर रहने लगे।
नोटिस में क्या लिखा?
रेलवे की ओर से जो नोटिस जारी किया गया है, उसमें वहां रहने वाले लोगों को संबांधित न करते हुए सीधे हनुमान मंदिर लिखा गया है। नोटिस में लिखा है- आपको सूचित किया जाता है कि आपका मंदिर रेलवे की जमीन पर है। यह कानूनन अपराध है। अत : आपको निर्देश दिया जाता है कि पत्र प्राप्ति के 10 दिनों के भीतर मंदिर हटा लें और जमीन खाली कर दें, अन्यथा आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गलती के बाद रेलवे ने दी ये सफाई :
हनुमान जी के लिए रेलवे की ओर से दिए गए इस नोटिस को लेकर धनबाद रेल मंडल के सीनियर सेक्शन इंजीनियर एसके चौधरी का कहना है कि ये एक मानवीय भूल है। नोटिस में गलती से हनुमान जी का नाम लिख गया है। इसमें सुधार किया जाएगा और दोबारा ऐसी गलती न हो, इसका भी ख्याल रखा जाएगा। हमारा उद्देश्य अवैध कब्जे को हटाना है, ना कि किसी की भावनाओं को आहत करना।
रेलवे की जमीन पर रहते हैं 300 परिवार :
बता दें कि धनबाद के बेकार बांध इलाके में बसे खटीक समाज के लोगों ने झुग्गियां बनाकर यहां पूरी कालोनी बसा ली है। वो इस इलाके में फल, सब्जी, मछली बेचने जैसे छोटे-मोटे धंधे करते हैं। रेलवे ने मोहल्ले के हर एक घर को अवैध बताते हुए इन्हें खाली करवाने का नोटिस भी दिया है। बता दें कि बेकार बांध इलाके में करीब 300 परिवार रहते हैं।
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