Rajeev Chandrasekhar Exclusive Interview: लेफ्ट-कांग्रेस से तंग आ गए हैं केरल के लोग, झलक रहा गुस्सा

केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार राजीव चन्द्रशेखर ने खास बातचीत में कहा कि केरल के लोग वामपंथी पार्टयों और कांग्रेस से तंग आ गए हैं।

 

तिरुवनंतपुरम। केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने Asianet Newsable के विनू वी जॉन से खास बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि केरल के लोग वामपंथी पार्टयों और कांग्रेस से तंग आ गए हैं। लोगों में इनके प्रति गुस्सा झलक है।

आपको उम्मीदवार के रूप में तिरुवनंतपुरम आए डेढ़ महीना हो गया है। क्या तिरुवनंतपुरम राजीव चन्द्रशेखर का स्वागत कर रहा है?

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राजीव चन्द्रशेखर: मैं यहां 6 मार्च को आया था। इसके बाद से निर्वाचन क्षेत्र के सभी स्थानों की यात्रा कर रहा हूं। कई लोगों से मिला, उनकी समस्याओं और मुद्दों को सुना। शुरुआती 2-3 दिनों में विपक्षी दलों ने मुझे 'बाहरी' बताकर दुष्प्रचार किया। उनकी रणनीति विफल रही। हर कोई समझ गया है कि मैं ईमानदारी से काम करने वाला आदमी हूं। इसलिए मुझे ऐसा महसूस ही नहीं होता कि दिल्ली से आया हूं। लोग समझ गए हैं कि मैं मलयाली हूं जो अपनी जन्मभूमि केरल आया है और तिरुवनंतपुरम का सांसद बनना चाहता हूं। यह मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

 

तिरुवनंतपुरम में आप किराए के मकान में रह रहे हैं। क्या यहां खुद का घर खरीदने की सोच रहे हैं?

राजीव चन्द्रशेखर: अभी मैं किराए के फ्लैट में रहता हूं। 26 तारीख को चुनाव के बाद मेरा पहला एजेंडा नए घर की तलाश करना है। जब पहली बार यहां आया तो मुझे लगा कि त्रिकोणीय मुकाबला होगा। 10-15 दिनों में लोगों के दुख-दर्द और समस्याओं को समझने के बाद अब लोगों की सेवा करना मेरा मिशन बन गया है।

"अब काम होगा" (इनि कार्यम नादक्कम) आपका चुनावी नारा है। आपने ऐसा नारा क्यों चुना?

राजीव चन्द्रशेखर: यहां की जनता ने कांग्रेस सांसद को 15 साल तक मौका दिया गया। इससे पहले लोगों ने सीपीआई (एम) के पन्नियन सर (पन्नयन रवींद्रन) को 5 साल का समय दिया। सवाल उठता है कि लोगों के लिए क्या काम हुए। कॉलेजों में 37 प्रतिशत सीटें खाली हैं। त्रिवेन्द्रम में रोजगार के अवसरों और निवेश की कमी है। यहां बदलाव की जरूरत है। इसलिए मैंने नारा दिया है कि 'अब काम होगा'। मैं इन जनता के मुद्दों के समाधान की दिशा में काम करूंगा। मैं यहां काम करने आया हूं। मुझमें काम करने की क्षमता है।"

आप छात्रों, युवाओं और खिलाड़ियों से बातचीत करते रहे हैं। क्या यह कोई विशेष राजनीतिक रणनीति है?

राजीव चन्द्रशेखर: नहीं, मेरे पास कोई जटिल राजनीतिक रणनीति नहीं है। मैं जो कुछ भी करता हूं वह सब सामान्य है। विकसित भारत बनाने और तिरुवनंतपुरम को आगे बढ़ाने से सबसे अधिक लाभ युवाओं को होगा। उन्हें इस प्रक्रिया में शामिल किए बिना कुछ नहीं होगा। तिरुवनंतपुरम या केरल की अब क्या प्रतिष्ठा है? कॉलेजों में 37 फीसदी सीटें खाली हैं। छात्र पलायन कर रहे हैं। मैंने घोषणा की है कि सांसद बना तो 5 साल में यहां का कोई भी बच्चा बिना हुनर के नहीं रहेगा। घोषणा के तीन दिन बाद, जब मैं एक मंदिर में गया तो एक मां ने मेरा हाथ पकड़ लिया। उसने मुझे बताया कि उनके बेटे को मेरा कौशल देने का विचार पसंद आया। इसलिए मैं इस बात पर जोर देता हूं कि युवा देश, राज्य और तिरुवनंतपुरम की ऊर्जा हैं। मेरा मिशन उन्हें प्रेरित करना, उनका विकास करना और उनके जीवन में अर्थ लाना है।

हमने आपको लोगों से कहते सुना है कि आप विवाद में शामिल नहीं होंगे, बल्कि प्रदर्शन की राजनीति पर ध्यान देंगे।

राजीव चन्द्रशेखर: पिछले 18 वर्षों में मैंने प्रदर्शन की राजनीति की है। मैं 2006 में यह कहते हुए राजनीति में शामिल हुआ कि मेरे पास लोगों के जीवन में बदलाव लाने की क्षमता है। यूडीएफ और एलडीएफ इसे समझ नहीं सकते। आप पिछले 10 साल देखें तो पीएम नरेंद्र मोदी को बेहतर जनादेश क्यों मिल रहा है। 2014 और 2019 और अब 2024? क्योंकि वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमारा ध्यान विकास और भविष्य पर है। मैं अपने मिशन में किसी भी चीज से विचलित नहीं होऊंगा। मैं केवल विकास, प्रगति और बदलाव के बारे में बोलूंगा।

आप पर वोट के बदले नकद देने नामांकन पत्र में संपत्ति की घोषणा में गड़बड़ी करने के आरोप लगे हैं। क्या आप विवादों में फंसने के बजाय कानूनी कार्यवाही की ओर आगे बढ़ रहे हैं?

राजीव चन्द्रशेखर: ये सब झूठ है। हम 'प्रदर्शन की राजनीति' की बात कर रहे हैं तो वे (विपक्ष) 'झूठ की राजनीति' पर उतर आए हैं। जब शशि थरूर ने कहा कि वोट के बदले पैसे बांट रहा हूं तो ये मेरी ईमानदारी पर हमला था। मैंने अपनी 18 साल की राजनीति में दोषमुक्त राजनीति की। अगर आप मेरी राजनीति को झूठ से जोड़ोगे तो मैं नहीं छोड़ूंगा। इसलिए मैंने कानूनी नोटिस भेजा है। बाद में उन्होंने (थरूर) कुछ टीवी चैनलों पर दावा किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा। चुनाव आयोग ने इसे नोट कर आदेश दिया है। मैंने एक आपराधिक शिकायत दर्ज की है।

पहले चरण में मतदान प्रतिशत कम रहा। क्या इसके कोई संकेत हैं?

राजीव चन्द्रशेखर: मुझें नहीं पता। मैं चुनाव विश्लेषक नहीं हूं। मुझे विश्वास है कि नरेंद्र मोदीजी ने पिछले 10 वर्षों में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है। हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और आदिवासी सभी को घर, टीकाकरण, मुफ्त राशन, आयुष्मान कार्ड मिले हैं।

आप कहते हैं कि तिरुवनंतपुरम में त्रिकोणीय मुकाबला है, लेकिन शशि थरूर का कहना है कि लड़ाई यूडीएफ और बीजेपी के बीच है।

राजीव चन्द्रशेखर: शशि थरूर और कांग्रेस मुस्लिम वोट पाने के लिए बेताब हैं। वे मुस्लिम वोटों को कांग्रेस के साथ बनाए रखने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं। एक तरफ शशि थरूर खुद को शिक्षित और वैश्विक नागरिक बताते हैं, दूसरी ओर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।

शशि थरूर ने आपका मजाक उड़ाते हुए कहा था कि राजीव चन्द्रशेखर के नारे 'पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस' में परफॉर्मेंस शब्द का मतलब एक्टिंग है। आप इसपर क्या कहेंगे?

राजीव चन्द्रशेखर: उनके पास कहने के लिए और कुछ नहीं है। मैं ऐसी बातों पर जवाब नहीं दूंगा। मुझे डीके शिवकुमार, शशि थरूर या राहुल गांधी का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।

आप कहते हैं कि तिरुवनंतपुरम के लिए कई योजनाएं हैं। ये क्या हैं?

राजीव चन्द्रशेखर: मैं एक दस्तावेज 'इथानु कार्यम' (यह कार्यक्रम है) जारी कर रहा हूं। इसमें उन तथ्यात्मक चीजों का उल्लेख है जो मैं सभी सुझाव एकत्र करने और जनता की बात सुनने के बाद अगले पांच साल में करूंगा। मैंने जो भी कहा है, उस पर अमल किया जाएगा। मैं हर वादे पर काम करने वाला इंसान हूं। मेरे पास पांच साल में तिरुवनंतपुरम को बदलने और विकसित करने की योजनाएं और नीतियां हैं। यह ऑनलाइन उपलब्ध होगा।

तिरुवनंतपुरम में 2014 में बीजेपी 15 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गई थी। नेय्याट्टिनकारा, परसाला और कोवलम जैसी जगहों पर बीजेपी को झटका लगा। क्या आप इन जगहों पर मतदाताओं को समझाने में सफल रहे हैं?

राजीव चन्द्रशेखर: मैं नेय्याट्टिनकारा, परसाला और कोवलम गया। इन क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं का समाधान होगा। इसका जिक्र मेरे विजन डॉक्यूमेंट में है। इन क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे। केरल में 590 किलोमीटर की तटीय रेखा में मत्स्य पालन क्षेत्र इतना कमजोर क्यों है? इसपर काम होगा।

जब आप तटीय क्षेत्रों में जाते हैं तो लोग भावनात्मक रूप से नेताओं के सामने मुद्दे रखते हैं। एक वीडियो में आप कागज की एक बड़ी शीट खोलकर उसे कार के बोनट पर रखकर लोगों को समझाते नजर आ रहे हैं। क्या आप तटीय लोगों के साथ इसी तरह बातचीत करते हैं?

राजीव चन्द्रशेखर: वहां कोई घर, पीने का पानी, आजीविका के साधन या समुद्र तट नहीं हैं। कोई उनके भविष्य के बारे में बात नहीं कर रहा है। जब मैं विझिंजम बंदरगाह गया तो बहुत सारी गालियां सुनीं और लोगों का गुस्सा देखा। वहां के लोगों ने कहा, 'आप लोग ऐसे ही हैं। सिर्फ वोट के लिए आते हैं। कोई हमारी समस्याओं का समाधान नहीं करता।' मैंने उनसे कहा कि मुझे एक मौका दीजिए। महिलाओं ने कहा कि हम पिछले 10 साल से शौचालय की मांग कर रहे हैं। अगर राज्य सरकार या 15 साल से बैठे सांसद ये सुविधाएं नहीं दे सकते तो क्यों सार्वजनिक जीवन में हैं? मैं ऐसी राजनीति नहीं करूंगा। अगर मैं कुछ नहीं कर सका तो राजनीति छोड़ दूंगा। अब तक यहां की जनता ने लेफ्ट और कांग्रेस को दिया। लोग इनसे नाराज हैं। तंग आ चुके हैं। इसलिए मैंने उनसे धैर्यपूर्वक बात की और समझाया कि मैं क्या करूंगा। मैंने उनसे कहा कि वे मुझ पर भरोसा करें। मैं एक अलग राजनेता हूं। मैंने सेवा और काम करने के लिए इस क्षेत्र को चुना है। नरेंद्र मोदीजी और मेरी पार्टी ने मुझसे दिल्ली या बेंगलुरु जैसे सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने के लिए कहा, लेकिन मैंने तिरुवनंतपुरम को चुना। केरल के लोग कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों से तंग आ गए हैं। लोगों में इनके प्रति गुस्सा झलक रहा है।

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