राज्यसभा के 12 सांसदों का मामला प्रीविलेज पैनल को सौंपा गया: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जांच का दिया आदेश

राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने प्रीविलेज पैनल को 12 सांसदों के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। पैनल हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा।

Dheerendra Gopal | Published : Feb 20, 2023 3:01 PM IST / Updated: Feb 20 2023, 09:38 PM IST

Rajya Sabha: राज्यसभा में हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों के व्यवहार के जांच का आदेश दिया गया है। राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने प्रीविलेज पैनल को 12 सांसदों के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। पैनल हंगामा करने वाले 12 विपक्षी सांसदों के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने एक संसदीय समिति से कांग्रेस और आप के 12 सांसदों द्वारा सदन के वेल में बार-बार घुसने, नारेबाजी करने और सदन की कार्यवाही बाधित करने के कथित विशेषाधिकार हनन की जांच करने को कहा है।

इन सांसदों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं राज्यसभा सभापति

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राज्यसभा से मिली जानकारी के अनुसार 12 विपक्षी सांसदों के खिलाफ जांच का आदेश सभापति धनखड़ ने दी है। जिन सांसदों की जांच होगी उनमें 9 कांग्रेस के सांसद हैं और तीन आम आदमी पार्टी के सांसद हैं। राज्यसभा बुलेटिन के अनुसार, कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल, नारनभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल हनुमंथैया, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशम और रंजीत रंजन के खिलाफ जांच होगी। हंगामा करने वाले आप के सदस्य संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक के खिलाफ भी प्रीविलेज पैनल जांच करेगा।

बजट सत्र के दौरान कई मुद्दों को लेकर बहस की मांग कर रहे थे सांसद

दरअसल, बजट सत्र के पहले चरण के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के विरोध के कारण राज्यसभा को बार बार स्थगित किया गया था। अपनी बातों को नहीं माने जाने पर सांसदों ने वेल तक पहुंचकर हंगामा किया था। राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि सभापति ने सांसदों द्वारा प्रदर्शित घोर अव्यवस्थित आचरण से उत्पन्न होने वाले विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन के जांच का आदेश दिया है। सांसदों ने नियम के खिलाफ बार-बार परिषद के वेल में प्रवेश करके, नारे लगाकर और लगातार और जानबूझकर परिषद की कार्यवाही में बाधा डालकर, सभापति को परिषद की बैठकों को बार-बार स्थगित करने के लिए मजबूर किया। इसलिए राज्य सभा द्वारा नियम 267 के तहत राज्यों की परिषद (राज्य सभा) के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 203 के तहत विशेषाधिकार समिति को जांच करने और रिपोर्ट के लिए नोटिस करने को कहा गया है।

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