Rajya Sabha election 2022 results: महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक के नतीजों से क्यों खुश है बीजेपी

राज्यसभा चुनाव परिणामों से भारतीय जनता पार्टी खेमा काफी उत्साहित है। पार्टी को राज्यों में विपक्षी दलों में पनपे असंतोष का फायदा मिला है जिसका लाभ वह राष्ट्रपति चुनाव में भी लेने की सोच रही है। राष्ट्रपति चुनाव के पहले विपक्षी खेमे में सेंधमारी से बीजेपी के रणनीतिकार काफी आशान्वित हैं।

 

Rajya Sabha election 2022 results: राज्यसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद भाजपा खेमे में संतोष है। कई राज्यों में विपक्ष के असंतोष का फायदा उठाने में कामयाब रही बीजेपी इस जीत को बड़े दांव के रूप में देख रही है। दरअसल, राजस्थान को छोड़कर बीजेपी अपनी स्ट्रैटेजी में कामयाब रही है। शेष तीन राज्यों में निर्दलीय व विपक्ष के नाखुश विधायकों का साथ पाकर वह अतिरिक्त सीटों को जीतने में कामयाब तो हुई ही है विपक्षी पार्टियों पर भी मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने में सफल हुई है। पार्टी के लिए महाराष्ट्र का चुनाव काफी फायदेमंद रहा जहां उसने अपने सबसे मुखर विरोधी महाअघाड़ी गठबंधन को मात देने में सफल रही।

57 सीटों में केवल 20 जीतने का था अनुमान

Latest Videos

शुक्रवार को पंद्रह राज्यों में राज्यसभा की रिक्त 57 सीटों पर चुनाव संपन्न हो गए। 41 सांसद तो निर्विरोध ही निर्वाचित हो गए थे लेकिन 10 जून को 16 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। चार राज्यों की 16 सीटों पर चार सीटों के लिए जबर्दस्त जोर आजमाईश हो रही थी। चारों सीटों पर बीजेपी की जीत के लिए संख्याबल की कमी थी। पार्टी के रणनीतिकार जीत के लिए बिसात तो बिछा रहे थे लेकिन अपनी 24 सीटों में 20 की बरकरार रखने में सक्षम दिख रहे थे। लेकिन वोटिंग के दिन आखिरी दांव सफल रहा और देर रात तक जारी हुए 16 सीटों के परिणामों के बाद बीजेपी कुल 57 सीटों में 22 जीतने में सफल रही। जबकि एक समर्थित निर्दलीय को भी जितवाने में कामयाब रही। यानि अनुमान से तीन अधिक सीटें उसकी झोली में आई। 

राष्ट्रपति चुनाव में होगा फायदा

द्विवार्षिक राज्यसभा चुनावों में बीजेपी की जीत का फायदा इस बार राष्ट्रपति चुनावों में भी मिलने के आसान अब दिखने लगे हैं। क्योंकि राष्ट्रपति चुनावों में बीजेपी अपने प्रत्याशी को बिना दूसरे दलों के सपोर्ट के जितवाने में सक्षम नहीं है। कई क्षेत्रीय क्षत्रप केंद्र सरकार के मुखर विरोधी हैं और वह विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में राज्यसभा चुनाव में विपक्षी जनप्रतिनिधियों में असंतोष काफी राहत देने वाला है। विपक्षी खेमे में असंबद्ध विधायकों और अप्रभावित सांसदों के बीच अपनी खींचतान सरेआम होने के बाद बीजेपी को प्रेसिडेंट चुनावों में उम्मीद बढ़ी है। भाजपा का उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन राष्ट्रपति चुनाव से पहले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए एक बढ़ावा है, और अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए एक झटका है। राज्यसभा चुनावों ने फिर से महाराष्ट्र, हरियाणा व कर्नाटक से विपक्ष में असंतोष और एकजुटता की कमी को उजागर किया है। 

राजस्थान से बीजेपी भी चिंतित

हालांकि, तीन राज्यों में विपक्ष के असंतोष से खुश पार्टी को राजस्थान के परिणाम ने माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है। काफी दिनों से कांग्रेसी खेमे में सेंधमारी करने में जुटी बीजेपी इस बार राज्यसभा चुनाव में गच्चा खा गई। वह कांग्रेसी खेमे में सेंध तो नहीं लगा पाई लेकिन अपने विधायकों की एकजुटता कायम रखने में नाकामयाब रही। कांग्रेस के क्षत्रप अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच की खींचतान से फायदे के प्रति आशान्वित बीजेपी के लिए यह किसी झटके से कम नहीं। वह मीडिया दिग्गज सुभाष चंद्रा का समर्थन कर कांग्रेस में सेंध लगाने के लिए जुटी रही लेकिन उसके ही विधायक टूट गए। उधर, कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत न केवल अपने समर्थक विधायकों के झुंड को एक साथ रखने में कामयाब रहे, बल्कि एक निर्दलीय, निवर्तमान सांसद और मीडिया उद्यमी सुभाष चंद्रा को पाने के भगवा पार्टी के प्रयासों को विफल करने के लिए क्रास वोटिंग कराकर बीजेपी को भी शर्मिंदा कर दिया।

महाराष्ट्र को लेकर उत्साहित है बीजेपी

भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी इस नतीजे से खुश है, खासकर महाराष्ट्र में जहां शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी गठबंधन को सत्ता में रहने के बावजूद झटका लगा, क्योंकि भाजपा छह में से तीन सीटें दांव पर लगा रही थी। यह भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए भी बेहतर मौका है। क्योंकि फडणवीस के राज्य में सत्ता में आने और फिर सत्ता से बाहर होने के बाद एक मजबूत साथी शिवसेना छोड़ कर चली गई थी। 

कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन टूटने का उठाया फायदा

बीजेपी कर्नाटक को लेकर भी काफी खुश है। क्योंकि उसे यहां चार में से तीन सीटें मिली है। यहां उसे कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के टूटने का फायदा मिला। दोनों की सीटों को लेकर कोई बात नहीं बनी और अलग-अलग लड़ने का नतीजा यह हुआ कि साथ मिलकर जीतने वाली एक सीट वह आपस में टकराकर हार गए। फायदा बीजेपी ने उठाया। 

हरियाणा में भी कांग्रेस की खींचतान का फायदा

कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा को एक झटका लगा, क्योंकि पार्टी के उम्मीदवार अजय माकन हार गए, इसके एक विधायक कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा समर्थित निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को वोट दिया, जो एक मीडिया उद्यमी भी थे, और एक अन्य विधायक का वोट अमान्य निकला। 

यह भी पढ़ें:

4 राज्यों में राज्यसभा की 16 सीटों के लिए इलेक्शन में जानिए किस पार्टी को कहां से जीत मिली

परवेज मुशर्रफ: Pakistan का जनरल जो मौत को बार-बार मात देता रहा,मृत्युदंड से भी बच गया लेकिन...

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

तो क्या खत्म हुआ एकनाथ शिंदे का युग? फडणवीस सरकार में कैसे घटा पूर्व CM का कद? । Eknath Shinde
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया सबसे गंभीर आरोप, मोहम्मद यूनुस सरकार ने पार की सभी हदें । Bangladesh