Exclusive : मोदीजी के मंत्रियों ने पहले समझाया होता तो कृषि कानून वापस करने का फैसला बहुत पहले आ जाता : टिकैत

Published : Nov 22, 2021, 06:14 PM ISTUpdated : Nov 22, 2021, 07:19 PM IST
Exclusive : मोदीजी के मंत्रियों ने पहले समझाया होता तो कृषि कानून वापस करने का फैसला बहुत पहले आ जाता : टिकैत

सार

भाकियू नेता (BKU) राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि किसान अभी एमएसपी के अलावा कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन स्थल पर डटे हैं। वे कहते हैं कि यदि मोदी सरकार के मंत्रियों ने पहले ही प्रधानमंत्री (PM) को यह इसका नुकसान बताया होता तो कानून निरस्त करने का फैसला बहुत पहले आ जाता।

लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) उन नेताओं में से हैं, जिन्होंने केंद्र के तीन कृषि बिलों (Three Farm Laws) के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसानों का नेतृत्व किया है। 51 वर्षीय किसान नेता ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की कृषि कनून वापसी की घोषणा के बाद भी किसानों के घर नहीं लौटने की बात कहकर सरकार को चौंका दिया था। टिकैत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का कानून संसद में लाने की बात पर अड़े हैं। और भी कई मुद्दे हैं। लखनऊ में किसान महापंचायत के बीच एशियानेट न्यूज के याकूब ने टिकैत से बात की और उनसे आगे की योजना जानी... 

Q : क्या प्रधानमंत्री की अपील के बाद 32 किसान संगठन हड़ताल खत्म करेंगे? 
टिकैत : हम ऐसे वापस नहीं जा रहे। हमारे पास किसानों पर लगे केस खत्म करने जैसे और भी मुद्दे हैं। हमें आंदोलन के दौरान किसानों की मौत पर जवाब चाहिए। MSP का सवाल अभी बाकी है। कई और मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। सरकार को इन सब पर चर्चा करने दीजिए। जब तक इन पर ध्यान नहीं दिया जाता, हम धरना स्थल पर डटे रहेंगे। 

Q : भाजपा नेता वरुण गांधी ने खुलकर कहा है कि अगर सरकार ने यह फैसला बहुत पहले ले लिया होता तो कई लोगों की जान बच जाती, इस पर आपका क्या कहना है?
टिकैत : उन्होंने जो भी कहा, बिल्कुल सही है। बहुत सी जानें बचाई जा सकती थीं। हमने दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में ही केंद्र सरकार को यह बताया था। यदि सरकार तब सुन लेती तो बहुत सी जान बच जातीं। 

Q : 2010 में एक ऐसा ही आंदोलन उठा था। इसके परिणामस्वरूप UPA का पतन हुआ और आम आदमी पार्टी बनी। आपको क्या लगता है कि यह दोबारा होने जा रहा है? 
टिकैत : मुझे इस तरह का माहौल नजर नहीं आ रहा है, लेकिन एक बात बताना चाहता हूं कि किसान आंदोलन में हर किसी का बहुत अच्छा योगदान रहा और कोई इसका राजनीतक फायदा नहीं ले रहा है। 

Q: आलोचकों का कहना है कि राकेश टिकैत राजनीतिक करियर के लिए यह सब कर रहे हैं, इस पर क्या कहेंगे ? 
टिकैत : नहीं! बिल्कुल नहीं! मैं राजनीति में नहीं जा रहा हूं। भाकियू कभी राजनीति में नहीं जाएगी।  

Q: एमएसपी को लेकर आपकी सरकार से क्या डिमांड है?
टिकैत :
हम एमएसपी के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। जब तक एमएसपी पर फैसला नहीं हो जाता तब तक हमारा धरना जारी रहेगा। पहले उन्हें बातचीत के लिए आने दें।

Q: चर्चा है कि कृषि कानूनों को वापस लेने का सरकार का फैसला यूपी (Uttar Pradesh) और पंजाब (Punjab) चुनावों से जुड़ा है। क्या कोई प्लान बी भी है?
टिकैत : हमें इस तरह की कोई चर्चा नहीं करनी है। कृषि कानूनों को निरस्त करने की आवश्यकता है। हमें तो बस उसी से सरोकार है। जब कोई भैंस को पालता है तो व्यक्ति यह नहीं देखता कि भैंस काली है या सफेद, यह मायने रखता है कि भैंस कितना दूध देती है।

Q: क्या किसान सरकार की कानून वापसी से संतुष्ट हैं? इसके क्या परिणाम होंगे?
टिकैत : हमने अपनी मांगी रखीं और प्रधानमंत्री ने कानून वापसी का फैसला लिया। यदि उनके मंत्रियों ने उन्हें परिणामों के बारे में समझाया होता तो यह फैसला बहुत पहले आ जाता।  

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