
नेशनल डेस्क। केंद्र सरकार (Central Govt) ने घोषणा की है कि वह रैली फाॅर रीवर ( Rally For Rivers) मूवमेंट की ड्राफ्ट पाॅलिसी रिकंमेंडेशन (DPR) में सुझावों के आधार पर देश की 13 प्रमुख नदियों का कायाकल्प करेगी, जो कि सद्गुरु के नेतृत्व में एक अभियान है आैर ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के फाउंडर भी हैं। देश की 13 प्रमुख नदियों को फिर से जीवंत करने की केंद्र की पहल पर सद्गुरु जग्गी वासुदेव के बधाई संदेश का जवाब देते हुए, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आध्यात्मिक नेता को धन्यवाद दिया और कहा कि आपकी दृष्टि, मार्गदर्शन और इकोलाॅजी के प्रति समावेशी दृष्टिकोण एक प्रेरणा है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Jal Shakti Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने एक ट्वीट में कहा कि धन्यवाद, @SadhguruJV। डीपीआर में सिफारिशें @rallyforrivers की नीतिगत सिफारिशों के अनुरूप हैं। इकोलाॅजी के प्रति आपका दृष्टिकोण, मार्गदर्शन और सर्व-समावेशी दृष्टिकोण एक प्रेरणा है।
ईशा द्वारा फाउंडेशन ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि आरएफआर मॉडल के विज्ञान को मान्य करते हुए, डीपीआर जो भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई), देहरादून के सब्जेक्ट मैटर्स एक्सपर्ट द्वारा तैयार किए गए हैं, लगभग सिमिट्रिकली आरएफआर पाॅलीसी की सिफारिशों के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि यह उन आलोचकों को चुप कराने की उम्मीद है जिन्होंने मॉडल को "अवैज्ञानिक" के रूप में खारिज कर दिया था। केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए अपने ट्वीट में, सद्गुरु ने कहा: बधाई हो, माननीय मंत्रियों को #RallyforRivers के लिए इस सबसे सामयिक और स्वागत योग्य पहल के लिए- ऐसे खजाने जिन्हें पुनर्जीवित किया जाना चाहिए और उनके पूर्ण गौरव को बहाल किया जाना चाहिए। वानिकी हस्तक्षेप यह सुनिश्चित करेगा कि हमारी नदियां बारहमासी बनी रहें। शुभकामनाएं और आशीर्वाद।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी सद्गुरु के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा: श्री @SadhguruJV जी, आपके आशीर्वाद से, प्रधान मंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व वाली सरकार विकास और वातावरण के बीच सुनहरा मतलब बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।"
क्या है रैली फाॅर रीवर
आध्यात्मिक नेता सद्गुरु ने भारत की मरती हुई नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए 2017 में बड़े पैमाने पर इकाेलाॅजी कैंपेन – रैली फाॅर रीवर- की शुरूआत की थी। अभियान को 162 मिलियन लोगों का समर्थन मिला। "सद्गुरु ने नदी के पुनरोद्धार के लिए एक ड्राफ्ट पाॅलिसी रिकंमेंडेशंस डाॅक्युमेंट्स प्रधानमंत्री को पेया किया था । जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने नेशनल पाॅलिसी के रूप में स्वीकार किया गया था।
रैैली फाॅर रीवर नदियों के पुनरोद्धार का एक पार्टिसिपेटरी माॅडल है। इसकी जमीनी परियोजना- कावेरी कॉलिंग- कावेरी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए अब तक 125,000 किसानों को कावेरी नदी बेसिन में अपने खेत पर पेड़ आधारित खेती अपनाने के लिए लिस्टिड किया गया है। फाउंडेशन ने कहा कि यह मॉडल लगभग दो दशकों में साबित कर चुका है कि किसानों ने अपनी आय में 3 से 8 गुना वृद्धि के साथ-साथ मिट्टी के हेल्थ, ग्राउंड वाॅटर लेवल और फसलों की न्यूट्रिशनल वैल्यू में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।
कावेरी कॉलिंग का उद्देश्य नदी बेसिन में 5 मिलियन किसानों को स्थायी आर्थिक और इकाेलाॅजिकल बेनिफिट के लिए 12 वर्षों में अपने खेत में 2.42 बिलियन पेड़ लगाने में सक्षम बनाना है। अब तक, मूवमेंट ने इस क्षेत्र में 62 मिलियन पेड़ लगाने में सक्षम बनाया है।" सद्गुरु ने 2017 में भारत में नदियों का पुनरुद्धार ड्राफ्ट पाॅलिसी रिकंमेंडेशंस केंद्र को सौंपी थी।