हिजाब पहनकर पहुंचीं मुस्लिम छात्राओं को नहीं मिली एंट्री, तो 231 ने नहीं दिया एग्जाम, HC का आदेश भी नहीं माना

कर्नाटक में पिछले तीन महीने से जारी हिजाब विवाद (Karnataka Hijab controversy) को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद मुस्लिम छात्राएं अपना हठ नहीं छोड़ रही हैं। हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में छात्राएं एग्जाम में नहीं बैठ रही हैं। उप्पिनंगडी में गवर्नमेंट पीयू कॉलेज में अब तक 231 मुस्लिम छात्र-छात्राओं ने एग्जाम में बैठने से इनकार कर दिया है।
 

बेंगलुरु, कर्नाटक. कर्नाटक में पिछले तीन महीने से जारी हिजाब विवाद (Karnataka Hijab controversy) को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद मुस्लिम छात्राएं अपना हठ नहीं छोड़ रही हैं। हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में छात्र-छात्राएं एग्जाम में नहीं बैठ रहे हैं। उप्पिनंगडी में गवर्नमेंट पीयू कॉलेज में अब तक 231 मुस्लिम छात्र-छात्राओं ने एग्जाम में बैठने से इनकार कर दिया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने हिजाब पर लगाई पाबंदी हटाने से मना कर दिया था।

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Karnataka Hijab controversy: हिजाब नहीं, तो एग्जाम नहीं
शुक्रवार को हिजाब नहीं पहनने देने पर इन छात्राओं ने एग्जाम में बैठने से मना कर दिया। कन्नड़ परीक्षा शुक्रवार को हुई थी। मंगलुरु से 50 किमी दूर उप्पिनंगडी के कॉलेज में कुछ मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर एग्जाम देने पहुंचीं, तो उन्हें एंट्री नहीं मिली। इसके बाद विवाद की स्थिति बनी। इन लोगों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया। हालांकि मुस्लिम नेताओं ने इन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मानीं। कॉलेज के प्रिंसिपल सुधीर कुमार के मुताबिक, लड़कों सहित पीयू द्वितीय वर्ष के 231 छात्र कन्नड़ परीक्षा में नहीं बैठे।

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Hijab row in Supreme court: सुप्रीम कोर्ट करेगा अब सुनवाई
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 11 दिन चली लगातार सुनवाई के बाद 15 मार्च को यानी 33 दिन बाद अपना फैसला सुना दिया था। यानी क्लास में हिजाब पर बैन जारी रहेगा। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में याचिकाएं दायर की गई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले की तत्काल सुनवाई की मांग रखी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई से जुड़ी याचिकाओं को लिस्ट करने पर विचार करेगा। कोर्ट ने संजय हेगड़े की तत्काल सुनवाई करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। उसने छात्राओं की हिजाब बैन से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। 

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 27 दिसंबर, 2021 को शुरू हुआ था विवाद
विवाद की शुरुआत उडुपी गवर्नमेंट कॉलेज से 27 दिसंबर, 2021 को शुरू हुई थी, जब कुछ लड़कियों को हिजाब पहनकर क्लास आने से रोका गया था। यहां के प्रिंसिपल रुद्र गौड़ा के मुताबिक, 31 दिसंबर को अचानक कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनकर क्लास में आने की इजाजत मांगी। अनुमति नहीं मिलने पर विरोध शुरू हो गया।

देशभर में फैलता गया विरोध
उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज की छह छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें हेडस्कार्फ़ पहनने पर जोर देने के लिए कक्षाओं से रोक दिया गया था। इस पर उडुपी और चिक्कमगलुरु में दक्षिणपंथी समूहों ने आपत्ति जताई थी। इस तरह यह विवाद देशभर में फैल गया। कर्नाटक हिजाब विवाद में बुर्का पहनकरअल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाने वाली मुस्कान खान पोस्टर गर्ल बन गई थीं। 19 वर्षीय मुस्कान कॉमर्स सेकेंड ईयर की छात्रा है। 

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