CRPF के स्थापना दिवस पर बोले अमित शाह-जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी उपलब्धि आतंकवाद पर नियंत्रण
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। कल उन्होंने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में शहीद हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के चार सुरक्षाकर्मियों के परिजनों को जम्मू में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति आदेश सौंपे। वहीं, 19 मार्च को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 83वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए।
Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2022 6:41 AM IST / Updated: Mar 19 2022, 12:13 PM IST
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। कल उन्होंने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में शहीद हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के चार सुरक्षाकर्मियों के परिजनों को जम्मू में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति आदेश सौंपे। वहीं, 19 मार्च को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 83वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए।
CRPF ने देश में मुश्किल हालात में लोगों को राहत दी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Shah) ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) के भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है। जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी उपलब्धि वह अपार सफलता है, जो हमारे बलों ने राज्य में आतंकवाद को नियंत्रित करने में हासिल की है। सीआरपीएफ ने लंबे समय से भारत में लोगों को सुरक्षा और सुरक्षा की भावना प्रदान करने का काम किया है। सीआरपीएफ जवानों ने देश में मुश्किल हालात में लोगों को दी राहत की सांस दी है। चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है और निष्पक्ष चुनाव एक लोकतांत्रिक देश की आत्मा है। जब भी भारत में लोकसभा या विधानसभा चुनाव होते हैं, सीआरपीएफ देश भर में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
18 मार्च को इन शहीदों के परिजनों को नियुक्त पत्र सौंपे थे
पूजा देवी को जम्मू जिले में पंचायत सचिव नियुक्त किया गया है। वे स्वर्गीय सार्जेंट रोहित कुमार की पत्नी हैं। सार्जेंट रोहित कुमार को जून 2011 में जम्मू और कश्मीर कार्यकारी पुलिस में कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया था। वे अपने करियर की शुरुआत से ही आतंकवाद विरोधी अभियानों से जुड़े रहे और आतंकवाद विरोधी ग्रिड में सबसे आगे रहे। 12 जनवरी 2022 को कुलगाम जिले के एक पुलिस दल ने सेना के साथ, कुलगाम के गांव सहपोरा परिवान (Sehpora Pariwan) में आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष सूचना पर घेराबंदी की और तलाशी अभियान शुरू किया। जब नागरिकों को निकाला जा रहा था तब आतंकवादियों ने पुलिस पार्टी पर गोलीबारी की जिसके परिणामस्वरूप सेना के तीन जवान और सार्जेंट रोहित कुमार घायल हो गए, जिन्होंने बाद में दम तोड़ दिया। इस मुठभेड़ में पाकिस्तान के एक खूंखार आतंकवादी बाबर का भी सफाया कर दिया गया था।
इफरा याकूब को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में अर्दली सह चौकीदार (Orderly cum Chowkidar) के पद पर नियुक्त किया गया है। वे स्वर्गीय हैड कांस्टेबल मोहम्मद याकूब शाह के बेटी हैं। हैड कांस्टेबल मोहम्मद याकूब शाह फरवरी 1992 में जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस में कांस्टेबल के रूप में शामिल हुए थे। 13 अगस्त 2014 को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद हैड कांस्टेबल मोहम्मद याकूब शाह एक पुलिस जिप्सी में अपने कंपनी मुख्यालय बिजबेहरा, अनंतनाग जा रहे थे, तब पुलवामा के गलांदर पंपोर में आतंकवादियों ने उनकी गाड़ी पर हमला किया। इस घटना में हैड कांस्टेबल मोहम्मद याकूब शाह ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। वे अपने पीछे वृद्ध माता-पिता, पत्नी, नाबालिग बेटे और बेटी छोड़ गए।
आबिद बशीर को जम्मू-कश्मीर पुलिस में फ़ोलोवर (Follower) के पद पर नियुक्त किया गया है। वे स्वर्गीय कांस्टेबल बशीर अहमद शेख के पुत्र हैं। कांस्टेबल बशीर अहमद शेख को जुलाई 1991 में जम्मू-कश्मीर कार्यकारी पुलिस में कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया था और वे अपनी मृत्यु तक श्रीनगर जिले में तैनात रहे। 29/30 जनवरी 2000 की मध्यरात्रि के दौरान, आतंकवादियों ने रबीतर ब्रिज, गांदरबल में एक पुलिस दल पर हमला किया जिसमें कांस्टेबल बशीर अहमद शेख ने प्राण दे दिए। वे अपने पीछे पत्नी और नाबालिग बेटे व बेटी को छोड़ गए थे।
मोहसिन मुश्ताक को जम्मू-कश्मीर पुलिस में फ़ोलोवर (Follower) के रूप में नियुक्ति दी गई है। वे दिवंगत फ़ोलोवर मुश्ताक अहमद के पुत्र हैं। मुश्ताक अहमद मई 1990 में जम्मू-कश्मीर पुलिस में शामिल हुए थे और वे अपनी मृत्यु तक जेकेएपी (JKAP) की 8वीं बटालियन में तैनात रहे। 9 मई1993 को आतंकवादियों ने बांदीपोरा में मुख्य मार्ग कुनान पर बीएसएफ के एक गश्ती दल पर गोलीबारी की। सुरक्षा बलों ने जवाबी फायरिंग की जिसमें एक आतंकवादी मारा गया, हालांकि क्रॉस फायर में फ़ोलोवर मुश्ताक अहमद की भी मृत्यु हो गई। मृतक अपने पीछे वृद्ध माता-पिता और एक पुत्र छोड़ गए थे जो उस समय केवल चार माह का था।