राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लिखा पीएम मोदी को लेटर, पढ़िए पूरा पत्र

22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु श्रीराम के बाल स्वरूप वाली प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस आयोजन की भव्य तैयारियां हुई है।

Ram Mandir Pran Pratistha: अयोध्या में बन रहा राम मंदिर, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सज कर तैयार है। कुछ ही घंटों के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के गर्भगृह में की जाएगी। पूरे देश में रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्सव का माहौल है। देश का कोना-कोना राममय हो चुका है। प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक करार देते हुए शुभकामनाएं दी है।

22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु श्रीराम के बाल स्वरूप वाली प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस आयोजन की भव्य तैयारियां हुई है।

Latest Videos

पढ़िए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का पूरा लेटर…

आदरणीय श्री नरेंद्रभाई मोदी जी,

अयोध्या धाम में नए मंदिर में प्रभु श्री राम की जन्म-स्थली पर स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आप विधिवत तपश्चर्या कर रहे हैं। इस अवसर पर, मेरा ध्यान इस महत्वपूर्ण तथ्य पर है कि उस पावन परिसर में, आपके द्वारा सम्पन्न की जाने वाली अर्चना से हमारी अ‌द्वितीय सभ्यतागत यात्रा का एक ऐतिहासिक चरण पूरा होगा।

आपके द्वारा किया गया 11 दिवसीय कठिन अनुष्ठान, पवित्र धार्मिक प‌द्धतियों का अनुसरण मात्र नहीं है बल्कि त्याग की भावना से प्रेरित सर्वोच्च आध्यात्मिक कृत्य है तथा प्रभु श्री राम के प्रति सम्पूर्ण समर्पण का आदर्श है।

आपकी अयोध्या की यात्रा के इस पावन अवसर पर मैं आपको अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं।

अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के उ‌द्घाटन से जुड़े देशव्यापी उत्सवों के वातावरण में, भारत की चिरंतन आत्मा की उन्मुक्त अभिव्यक्ति दिखाई देती है। यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम सब अपने राष्ट्र के पुनरुत्थान के एक नए काल-चक्र के शुभारम्भ के साक्षी बन रहे हैं।

प्रभु श्री राम द्वारा साहस, करुणा और अटूट कर्तव्यनिष्ठा जैसे जिन सार्वभौमिक मूल्यों की प्रतिष्ठा की गई थी उन्हें इस भव्य मंदिर के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा।

प्रभु श्री राम हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के सर्वोतम आयामों के प्रतीक हैं। वे बुराई के विरुद्ध निरंतर युद्धरत अच्छाई का आदर्श प्रस्तुत करते हैं। हमारे राष्ट्रीय इतिहास के अनेक अध्याय, प्रभु श्री राम के जीवन-चरित और सिद्धांतों से प्रभावित रहे हैं तथा राम-कथा के आदर्शों से राष्ट्र-निर्माताओं को प्रेरणा मिली है। गांधीजी ने बचपन से ही रामनाम का आश्रय लिया और उनकी अंतिम सांस तक रामनाम उनकी जिह्वा पर रहा। गांधी जी ने कहा था 'यद्यपि मेरी बुद्धि और हृदय ने, बहुत पहले ही, ईश्वर के सर्वोच्च गुण और नाम को, सत्य के रूप में अनुभव कर लिया था, मैं सत्य को राम के नाम से ही पहचानता हूं। मेरी अग्नि परीक्षा के सबसे कठिन दौर में राम का नाम ही मेरा रक्षक रहा है और अब भी वह नाम ही मेरी रक्षा कर रहा है।

लोगों की सामाजिक पृष्ठभूमि से प्रभावित हुए बिना, भेद-भाव से मुक्त रहकर, हर किसी के साथ, प्रेम और सम्मान का व्यवहार करने के प्रभु श्री राम के आदर्शों का हमारे पथ- प्रदर्शक विचारकों की बौ‌द्धिक चेतना पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है।

 

 

यह भी पढ़ें:

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर पूरे देश में उत्सव का माहौल, अंबानी की एंटालिया पर भी जगमग हुआ जयश्रीराम का नारा

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
जयपुर अग्निकांड: एक दिन बाद भी नहीं थमा मौत का सिलसिला, मुर्दाघर में लग रही भीड़