रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन (Ramayana Circuit Train) के वेटर्स को भगवा कपड़े, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाई गई थी। संतों की ओर से इसका कड़ा विरोध किया गया, जिसके बाद आईआरसीटीसी ने ड्रेस बदल दी है।
नई दिल्ली। रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन (Ramayana Circuit Train) के वेटर्स को भगवा कपड़े, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाई गई है। सोशल मीडिया पर सामने आए VIDEO में वेटर्स संतों की वेशभूषा में लोगों को खाना सर्व करते और जूठे बर्तन उठाते नजर आये थे। संतों की ओर से इसका कड़ा विरोध किया गया, जिसके बाद आईआरसीटीसी (IRCTC) ने वेटर्स की ड्रेस बदल दी है। आईआरसीटीसी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
महाकाल की नगरी यानि उज्जैन में साधु-संतों ने इसको लेकर कड़ा विरोध जताया था। अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस डॉ अवदेष पूरी महाराज ने रेलवे मिनिस्टर को पत्र भी लिखा था, जिसमें कहा गया है कि अगर वेटर्स की वेशभूषा नहीं बदली गई तो 12 दिसंबर को बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
भारत के नागरिकों का हुआ अपमान
अवदेष पूरी जी महाराज ने कहा कि वेटर्स को यह ड्रेस देकर साधु-संत ही नहीं भारत के करोड़ों नागरिकों का अपमान किया गया। कभी सोचा नहीं था कि रेलवे संतों के पहनावे को इस तरह वेटर्स को देगी। इससे उनकी घटिया सोच का पता चलता है। अगर उन्होंने अपने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो वह देश के करोड़ों हिंदुओं के साथ पटरी पर बैठेंगे और ट्रेनों को आगे नहीं बढ़ने देंगे।
भगवान राम के सभी स्थलों का दर्शन कराती है ये ट्रेन
बता दें कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रामायण सर्किट एक्सप्रेस चलाई जा रही है। ट्रेन 7 नवंबर को प्रारंभ हुई जो कि भगवान राम से जुड़े हुए 15 स्थलों का भ्रमण करते हुए 7,500 किमी की यात्रा तय करेगी। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से चलने वाली इस ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या है। इसका अंतिम स्टेशन रामेश्वरम है। IRCTC ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘देखो अपना देश’ पहल के तहत ट्रेन चलाई है। इस डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन से भगवान श्रीराम से जुड़े सभी धार्मिक स्थलों का दर्शन कराया जाता है।
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