कोरोना महामारी मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्रालय में केंद्रीय मंत्रियों की बैठक हुई, जिसमें डॉक्टर हर्षवर्धन, अश्विनी कुमार चौबे, एस जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी और अन्य अधिकारियों सहित कई वरिष्ठ मंत्री मौजूद थे।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्रालय में केंद्रीय मंत्रियों की बैठक हुई, जिसमें डॉक्टर हर्षवर्धन, अश्विनी कुमार चौबे, एस जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी और अन्य अधिकारियों सहित कई वरिष्ठ मंत्री मौजूद थे। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में कुल कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले 18,668 हैं। 5063 लोग ठीक हो चुके हैं और 775 लोगों की मौत हो चुके हैं। यानी देश में कोरोना से कुल प्रभावित लोगों की संख्या 24,506 है।
कोरोना की स्थिति नियंत्रण में, इसलिए नहीं होंगे रैपिड टेस्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज की मीटिंग में तय किया गया है कि फिलहाल देश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का सकारात्मक असर दिख रहा है। इसलिए रैपिड टेस्ट किट से जांच को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
15 लाख से ज्यादा टेस्ट क्षमता, सवा लाख से ज्यादा वालंटियर
सरकार का कहना है कि अभी हमारे पास 15 लाख से ज्यादा टेस्ट करने की क्षमता है। साथ ही कई भारतीय कंपनियां भी टेस्ट किट तैयार करने में जुटी हैं। इसके अलावा कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश भर में जिले स्तर पर सवा लाख से ज्यादा वालंटियर तैयार किए गए हैं।
रैपिड टेस्ट किट क्या होती है?
भारत ने चीन से करीब 9.5 लाख टेस्ट किट खरीदे थे, जिसमें 5.5 लाख रैपिड टेस्ट किट थीं। जब कोई भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है, तो उसके शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनती है। रैपिड टेस्ट किट के जरिए उन्हीं एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है कि बॉडी में एंटीबॉडी बने हैं या नहीं। जब कोई भी व्यक्ति कोरोना से प्रभावित होता है तो प्रभावित होने के 14 दिन बाद उस व्यक्ति का खून का सैंपल लिया जाता है। रैपिड टेस्ट से पता चलता है कि संदिग्ध मरीज के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रही है या नहीं। इससे ये पहचानने में भी मदद मिलती है कि मरीज पहले संक्रमित था या नहीं।