आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। इस आतंकी हमले में 9 लोगों की मौत हुई और 33 घायल हो गए थे।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में रविवार को वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों से भरी बस पर आतंकी हमला हुआ। इसके चलते 9 लोगों की मौत हुई और 33 घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नाम के आतंकी संगठन ने ली है।
क्या है द रेजिस्टेंस फ्रंट?
द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) आतंकी संगठन है। यह पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा है। भारत ने इसे 2023 में आतंकवादी संगठन घोषित किया था। इसकी स्थापना 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किया गया। TRF जम्मू-कश्मीर में हुए दर्जनों आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है। TRF ने पिछले महीने राजौरी और पुंछ में हमले किए थे। यह समूह दो साल से पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिण में सक्रिय है।
टीआरएफ में लश्कर सहित कई अन्य आतंकी संगठनों के आतंकवादी शामिल हैं। पाकिस्तान ने FATF (Financial Acton Task Force) के वित्तीय कार्रवाई के दबाव में टीआरएफ का गठन कराया है।
टीआरएफ के गठन में है पाकिस्तान का हाथ
लश्कर-ए-तैयबा और उसके कुख्यात प्रमुख हाफिज सईद के साथ सीधे संबंध से बचने के लिए पाकिस्तानी मशीनरी और उसके आतंकी नेटवर्क ने टीआरएफ का गठन किया था। पाकिस्तान की कोशिश है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे और इसे स्थानीय प्रतिरोध बताए।
कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए क्यों सिरदर्द बन गया है TRF?
TRF ने 2019 में अस्तित्व में आने के बाद जम्मू-कश्मीर में कई घातक आतंकी हमले किए हैं। इसने मुख्य रूप से अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया है। यह कश्मीर में सबसे अधिक सक्रिय आतंकी संगठन बन गया है। यह लश्कर से ध्यान हटाने के लिए कई हमलों की जिम्मेदारी लेता है। टीआरएफ मुख्य रूप से लश्कर के फंडिंग चैनलों का इस्तेमाल करता है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि 2022 में कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा 90 से अधिक अभियानों में 42 विदेशी नागरिकों सहित 172 आतंकवादी मारे गए। मारे गए लोगों में से 108 TRF या LeT से जुड़े थे। आतंकवादी समूहों में शामिल होने वाले 100 लोगों में से 74 TRF द्वारा भर्ती किए गए थे।
यह भी पढ़ें- केंद्र में आते ही एक्शन में दिखे PM मोदी, किसानों के लिए खोला पैसों का पिटारा, जानें क्या लिया फैसला?