जिन्हें कैद में बता रहे थे कमलनाथ, उन विधायकों ने कहा, यहां अपनी इच्छा से, फिर खोली सरकार की पोल

Published : Mar 17, 2020, 10:25 AM ISTUpdated : Mar 17, 2020, 11:19 AM IST
जिन्हें कैद में बता रहे थे कमलनाथ, उन विधायकों ने कहा, यहां अपनी इच्छा से, फिर खोली सरकार की पोल

सार

मध्यप्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के बागी 22 विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस कर कमलनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। विधायकों का कहना है कि सरकार के पास विधायकों और मंत्रियों की बात सुनने के लिए समय नहीं है। 

बेंगलुरू. मध्यप्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के बागी 22 विधायकों ने आज मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार पर सवाल उठाए और अपनी बात नहीं सुनने का आरोप लगाया है। बागी विधायकों का कहना है कि चुनाव के दौरान जो वचन पत्र बनाया गया था। सरकार बनने के बाद उस वचन पत्र को पूरा नहीं किया जा सके। ऐसे में इस सरकार के साथ रहने का कोई औचित्य नहीं है। बागियों ने सीएम कमलनाथ पर सारे पैसे अपने क्षेत्र छिंदवाड़ा में खर्च करने का आरोप लगाया है। 

क्या कहा बागियों ने- 

गोविंद सिंहः एक बार मैंने सीएम से कहा छिंदवाड़ा में विकास करने के लिए जगह तो नहीं बचा होगा तो इतना खर्च क्यों किया जा रहा है। लेकिन सीएम छिंदवाड़ा के विकास में ही सारा पैसा लगा रहे हैं। गोविंद सिंह ने कहा, अकेले छिंदवाड़ा के दम पर आगे का चुनाव नहीं जीता जा सकता, लेकिन हमारी एक बात नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा,जो विधायक जयपुर में हैं वो भी दुखी है। अगर उन विधायकों को खुला छोड़ दिया जाए तो वह भी बेंगलुरू आ जाएंगे।

मध्यप्रदेश वापस लौटने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'हम लोग कल जाने के लिए तैयार है। लेकिन समस्या यह है कि सिंधिया जैसे नेता पर हमला हो सकता है तो हम सुरक्षित कैसे। हमें केंद्रीय सुरक्षा बल प्रदान करें तो हम आएंगे। बंधक बनाए जाने के सवाल पर गोविंद सिंह ने कहा, हमारे बारे में बहुत सारी मनगढ़ंत बाते कही जा रही है। बंधक बनाए जाने की बात कही जा रही,फोन रखने की बात कही जा रही हम सामने आकर दिखाना चाहते है कि ये सब झूठ है। जब 6 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है बाकी 16 विधायकों का क्यों नहीं स्वीकार किया गया है। 

तुलसी सिलावटः कमलनाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में सरकार बनी थी तो हमने सिंधिया के नेतृत्व में वचन पत्र तैयार किया था। उस वचन पत्र की बात सिंधिया जी ने दोहराते हुए कहा सड़क पर उतरेंगे तो कमलनाथ ने कहा, उतर जाओ। तुलसी सिलावट ने आरोप लगाया कि प्रदेश में मंत्रियों से ज्यादा अधिकारियों की चलती है। तुलसी सिलावट ने बंधक बनाए जाने के सवाल पर कहा,'यहां जो लोग हैं वह स्वतः आए हैं, सरकार के पास समय नहीं है हमसे मिलने के लिए इसलिए हम लोग अलग हुए हैं।' तुलसी सिलावट ने कहा,'हम अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों से फोन पर बात कर रहे हैं, लोग हमारे साथ हैं कोई समस्या की बात नहीं है।' 

इमरती देवीः सीएम कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए इमरती देवी ने कहा,'मुख्यमंत्री से मिलना तो दूर की बात है, बैठ जाओ तो कहते हैं चलो-चलो। उनके पास सिर्फ भ्रष्टाचारियों से मिलने का समय है। वह अपने मंत्रियों और विधायकों की बात ही नहीं सुनते।' इमरती देवी ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने अपने क्षेत्र छिंदवाड़ा में 16 हजार करोड़ का विकास कार्य करवाया। लेकिन हमने शिवपुरी में जो वादा किया था उसे पूरा करने के लिए उन्होंने धन नहीं दिया तो फिर हम ऐसे मुख्यमंत्री के साथ रहकर क्या करेंगे।' इमरती देवी ने यह भी साफ किया, 'सिंधिया हमारे नेता है, हम 20 साल से उनके साथ राजनीति कर रहे हैं। मैं एक गरीब की बेटी हूं उन्होंने ही मुझे राजनीति सिखाई है। ऐसे में हम उनका साथ नहीं छोड़ सकते। हमें सुरक्षा मिले तो हम मध्यप्रदेश लौटें। 

राजवर्धन सिंहः ‘‘मैं अपने क्षेत्र की जनता के दम पर विधायक हूं। कमलनाथ ने मुझसे कहा था कि सब पर भरोसा किया है तो मुझ पर भी करके देखो। 6 महीने में इलाके सूरत बदल जाएगी। लेकिन कुछ नहीं हुआ।’’

हरदीप सिंह डंगः ‘‘मंदसौर कांड के वक्त में आगे आया था। राहुल गांधी जब वहां गए तो उन्होंने मुझे पहचाना तक नहीं। सत्ता में आने के बाद कमलनाथ समेत अन्य कांग्रेस नेता घमंड में आ गए थे। कार्यकर्ताओं की बात तो छोड़ो अधिकारी मंत्रियों की बात तक नहीं सुन रहे। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कह रहे हैं कि विधायकों को पैसा मिला है। अगर ऐसा है तो आपकी सरकार है, छापे मारो और पता कर लो।’’

मनोज चौधरीः कांग्रेस पार्टी से बगावत के बाद बोले,'मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के कारण पार्टी छोड़ी है। कोई एक काम मंजूर नहीं किया गया।

रक्षा सरोनियाः मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी, मेरी बात तक नहीं सुनी गई। हमने जनता के लिए फैसला लिया है।

PREV

Recommended Stories

संगीता बरुआ बनीं प्रेस क्लब की पहली महिला अध्यक्ष, उनकी टीम ने 21-0 से दर्ज की शानदार जीत
Nitin Nabin Net Worth: कितनी दौलत के मालिक हैं नितिन नबीन?