आपसी भाई-चारे को नुकसान पहुंचा रहा है धर्मांतरण, जानिए कौन हो रहा है सबसे ज्यादा लव जिहाद का शिकार?

पिछले कुछ सालों में धर्मांतरण को राजनीतिक लाभ के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। अवैध धर्मांतरण के कारण हिंदू-मुस्लिम संबंधों को सबसे बड़ा झटका लगा है।

नई दिल्ली: भारत में धर्मांतरण हमेशा से एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। आजादी से पहले से लेकर अब तक धर्मांतरण रोकने के लिए कई कानून बनाए गए हैं। देश के आजाद होने से पहले धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए 1936 में रायगढ़ राज्य रूपांतरण अधिनियम, 1942 में सरगुजा राज्य धर्मत्याग अधिनियम और 1946 के उदयपुर राज्य धर्मांतरण विरोधी अधिनियम जैसे कानून बनाए गए थे। हालांकि, भारत ने 1950 में खुद को एक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया और संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता को एक मौलिक अधिकार के रूप में शामिल किया। यह एक क्रांतिकारी कदम था। 

हालांकि, जैसे-जैसे वक्त गुजरा लोग धार्मिक स्वतंत्रता का गलत इस्तेमाल करने लगे। कुछ कट्टरपंथी, लोगों को लालच या डार-धमका कर उन्हें धर्म परिवर्तन करने के मजबूर करने लगे। बता दें कि 1947 के बाद से अब तक 9 राज्यों में धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बन चुका है। इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल है। इसके अलावा कई राज्यों में सामान्य आपराधिक कानून के तहत अवैध धर्मांतरण को कंट्रेल किया जा रहा है।

Latest Videos

धर्मांतरण को रोकने के लिए जोर पकड़ रहा आंदोलन

चूंकि, भारत एक विभिन्न सांस्कृतियों वाला देश है। यहां जैन, हिंदू , बौद्ध और सिख धर्म के अलावा मुसलमानों और ईसाइयों की भी बड़ी आबादी है। इसके अलावा देश में यहूदी, पारसी और अन्य कई जनजातीय समुदाय भी रहे हैं और अपने-अपने धर्मों का पालन करते हैं। धर्म भारतीयों के पर्सनल और पब्लिक लाइफ में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन जैसे-जैसे समुदाय अपनी पहचान के प्रति अधिक जागरूक हुए हैं और वैसे-वैसे वे ऐतिहासिक घटनाओं को एक नए तरीके से पेश करने लगे। 

राजनीति के लिए हो रहा है धर्मांतरण का इस्तेमाल

इस बीच कुछ ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं, जहां धर्मांतरण को राजनीतिक लाभ के लिए  इस्तेमाल किया गया है। कुछ मामलों में नौकरी और शिक्षा का लालच देकर लोगों का धर्म परिवर्तन किया गया है। इससे विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच तनाव पैदा हो गया है। कुछ लोग इसे अपने धर्म के लिए खतरा मानते हैं। इस तरह के तनाव उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, हरियाणा और केरल में अक्सर देखने को मिले हैं।

अवैध धर्मांतरण से हिंदू-मुस्लिम संबंधों में दरार

अवैध धर्मांतरण के कारण हिंदू-मुस्लिम संबंधों को सबसे बड़ा झटका लगा है। देश में इस समय लव जिहाद की धारणा काफी बढ़ गई है। अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि हिंदू महिलाओं को मुस्लिम युवा जान-बूझकर प्यार के जाल में फंसाते हैं, ताकि उनकों इस्लाम में परिवर्तित किया जा सके, जबकि मुससमानों का दावा है कि लव जिहाद जैसी कोई चीज नहीं है। फिलहाल लव जिहाद पर डेटा मायावी बना हुआ है, हालांकि अर्नब कुमार बनर्जी जैसे कुछ रिसर्चर्स ने दावा किया है कि 2015 और 2019 के बीच एक डेटासेट दिखाता है कि हिंदू दलित लड़कियां लव जिहाद की सबसे बड़ी शिकार हैं, इसके बाद मुस्लिम लड़कियों का नंबर है जो हिंदू धर्म में परिवर्तित हो गईं।

एक रिपोर्ट के  मुताबिक छोटे शहरों में लव जिहाद की सबसे ज्यादा शिकार आदिवासी युवतियां हुई हैं। इनमें आठवीं-दसवीं तक पढ़ी हुई नाबालिग लड़कियां ज्यादा हैं, जिनकी सोशल मीडिया पर सक्रियता थी। जबकि भोपाल-इंदौर जैसे बड़े शहरों में कॉलेज की छात्राएं और जॉब करने वाली युवतियां शिकार हुई हैं।

लोगों को खड़ा होना होगा धर्मातरण के खिलाफ 

अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर एक याचिका मेंभारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि बल, लालच या धोखाधड़ी का उपयोग करके धर्मांतरण राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करेगा और केंद्र को ऐसे धर्मांतरणों पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, इस केवल कानून के जरिए नहीं रोका जा सकता है। अगर लोगों को आपसी सद्भाव बनाए रखना है तो धार्मिक नेताओं और लोगों को धर्मांतरण के खिलाफ खड़ा होना होगा और सार्वभौमिक भाईचारे की सच्ची भावना में सभी मिशनरी गतिविधियों को रोकना होगा।

यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया रोक: इलाहाबाद HC के फैसले को स्टे करते हुए कहा-संभलकर चलने की…

Share this article
click me!

Latest Videos

43 साल बाद कुवैत पहुंचे भारतीय पीएम, जमकर लगे मोदी-मोदी के नारे
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
जयपुर हादसे में सबसे बड़ा खुलासा: सच हिलाकर रख देगा, पुलिस भी हो गई शॉक्ड
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
चुनाव से पहले केजरीवाल ने खेला दलित कार्ड, लॉन्च की अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना