कर्नाटक के रायचूर में ध्वजारोहण के दौरान बापू के बगल में रखी अंबेडकर की प्रतिमा हटवाई, जानें क्यों हुआ विवाद

Republic day 2022 : बुधवार को पूरे देश देश में गणतंत्र दिवस के दौरान झंडारोहण हुआ। इस बीच कर्नाटक के रायचूर जिला न्यायालय परिसर में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराने से पहले विवाद हुआ। यह विवाद बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र को लेकर हुआ। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2022 7:50 AM IST

रायचूर/कर्नाटक। बुधवार को पूरे देश देश में गणतंत्र दिवस (Republic day) के दौरान झंडारोहण हुआ। इस बीच कर्नाटक (Karnataka) के रायचूर जिला न्यायालय (Raichur District court) परिसर में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराने से पहले विवाद हुआ। यह विवाद बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र को लेकर हुआ। दरअसल, यहां जिला एवं सत्र न्यायाधीश को ध्वज फहराना था। वे पहुंचे लेकिन महात्मा गांधी के फोटो के बगल में बाबा साहब का फोटो देखकर नाराज हो गए। न्यायाधीश ने यहां से डॉ. अंबेडकर के चित्र को हटवाया, उसके बाद ध्वजारोहण हुआ। 

सोशल मीडिया पर सामने आया वीडियो 



इस मामले को लेकर वकीलों के एक वर्ग ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपने अधीनस्थों को निर्देश दिया कि वे तुरंत फोटो को हटाएं, इसके बाद ही ध्वजारोहण होगा। जब फोटो हट गया, तभी उन्होंने तिरंगा फहराया। इस घटना के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इनमें दिख रहा है कि किस तरह अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर जज नाराजगी जता रहे हैं। फोटो को लेकर कुछ समय के लिए माहौल गर्म हो गया। हालांकि बाद में चित्र हटा दिया गया, जिसके बाद झंडारोहण हुआ। 

हाईकोर्ट का आदेश, सिर्फ बापू की फोटो लगे 
कर्नाटक के कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना है कि ध्वजारोहण को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट की कुछ गाइडलाइंस है। इसके अनुसार अदालतों को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान केवल महात्मा गांधी के चित्र लगाने का निर्देश दिया गया है। वकीलों का कहना है कि इसी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए डॉ. अंबेडकर का चित्र हटाया गया था। इनके मुताबिक न्यायाधीश ने सिर्फ प्रोटोकॉल के तहत यह किया।  

पिछले गणतंत्र दिवस पर उठा था मुद्दा 
इस मामले को लेकर विरोध कर रहे अधिवक्ताओं ने कहा कि यह मुद्दा पिछले गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान उठा था। रायचूर बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान महात्मा गांधी के साथ अंबेडकर का चित्र रखने की अनुमति मांगी थी। एक वकील शिवशंकर का कहना है कि इस मामले को लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

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