गणतंत्र दिवस परेड: भारत में बने तोप से दी गई 21 तोपों की सलामी, दूर हुई गुलामी की एक और निशानी
नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत काल में गुलामी की हर निशानी से मुक्ति का आह्वान किया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित परेड में भी इसका असर दिखा। अंग्रेजों के तोपों से अब तक सलामी दी जाती थी उनके बदले भारतीय तोपों का इस्तेमाल किया गया।
Vivek Kumar | Published : Jan 26, 2023 11:56 AM IST / Updated: Jan 26 2023, 05:27 PM IST
105 एमएम के भारतीय तोपों से सलामी दी गई तो परेड देखने आए लोग रोमांचित हो गए। पहले राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान 1940 में ब्रिटेन में बने सात तोपों से सलामी दी जाती थी। यह 2281 फील्ड रेजिमेंट का हिस्सा है। इन तोपों का इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध में हुआ था।
गुरुवार को जिन तोपों से सलामी दी गई वे इंडियन फिल्ड गन हैं। परंपरा के अनुसार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई। राष्ट्रगान शुरू होते ही तोपों की फायरिंग शुरू हुई। राष्ट्रगान समाप्त होने तक 21 गोले फायर किए गए। समारोह के दौरान इस्तेमाल होने वाले गोले में सिर्फ बारूद होता है, कोई प्रोजेक्टाइल नहीं होता। इसलिए गोला दागने की आवाज आती है, लेकिन गोला फायर नहीं होता।
भारतीय सेना ने ट्वीट किया, "प्रतिष्ठित 21 तोपों की सलामी। पहली बार 8711 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के गनर्स ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्वदेशी रूप से निर्मित 105 मिमी भारतीय फील्ड गन्स द्वारा पारंपरिक 21 तोपों की सलामी पेश की।”
चीफ ऑफ स्टाफ दिल्ली एरिया मेजर जनरल भवनीश कुमार ने 23 जनवरी को एक प्रेस वार्ता में कहा था कि इस साल 25 तोपों की जगह 105 मिमी भारतीय फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी।
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि रक्षा क्षेत्र में बढ़ती 'आत्मनिर्भरता' को दर्शाते हुए आईएफजी पुरानी 25 पाउंड की तोपों की जगह लेंगे।
सोमवार को चीफ ऑफ स्टाफ दिल्ली एरिया मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा, "हम स्वदेशीकरण की ओर बढ़ रहे हैं और वह समय दूर नहीं जब सभी उपकरण 'स्वदेशी' होंगे।" भवनीश कुमार ने कहा, “74वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान प्रदर्शित होने वाले सेना के सभी उपकरण भारत में बने हैं। इस साल 105 एमएम भारतीय फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी।”