नई दिल्ली: ओडिशा की रहने वाली 34 वर्षीय एक शोधकर्ता के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में दिल्ली पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह घटना 11 अक्टूबर को हुई थी। युवती अभी भी दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज करा रही है। नशे में धुत दो आरोपियों ने युवती को अकेला देखकर बलात्कार की साजिश रची। युवती को जबरन एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इस घटना का चश्मदीद गवाह एक ऑटोरिक्शा चालक भी इस घिनौनी हरकत में शामिल हो गया। तीनों ने युवती के साथ बलात्कार करने के बाद उसे ऑटो में बिठाकर सुनसान जगह पर फेंक दिया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान ऑटो चालक प्रभु महतो (28), कबाड़ व्यापारी प्रमोद बाबू (32) और मोहम्मद शमशुल (29) के रूप में हुई है। इनमें से शाहुल एक भिखारी है। सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद आरोपियों का पता चला। जांच अधिकारियों ने अपराध से जुड़े अहम सबूत जुटाए हैं। ऑटोरिक्शा को भी जब्त कर लिया गया है। अपराध के समय आरोपियों द्वारा पहने गए कपड़े भी बरामद कर लिए गए हैं।
आरोपियों द्वारा छोड़ी गई युवती को कुछ लोग अस्पताल ले गए। युवती ने डॉक्टर को बताया कि उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया है। उसके गुप्तांगों सहित शरीर पर गंभीर चोटें आई थीं। जांच के बाद पुलिस ऑटोरिक्शा की पहचान करने और चालक महतो को पकड़ने में कामयाब रही। बाद में प्रमोद और शमशुल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में प्रमोद ने पुलिस को बताया कि वह शराब का आदी था। उसने बताया कि उसने देखा कि एक महिला अकेले बैठी है और इसी दौरान शराब का आदी शमशुल भी वहां आ गया। दोनों ने यह सोचकर युवती का यौन उत्पीड़न करने का फैसला किया कि वह मानसिक रूप से बीमार है।
पुलिस ने बताया कि दोनों ने मिलकर युवती को एक सुनसान जगह पर घसीटकर ले गए और उसके साथ बलात्कार किया। ऑटो चालक महतो इस घटना का चश्मदीद था। उसने युवती को जबरन ऑटो में बिठाया और उसके साथ बलात्कार किया। इसके बाद उसे सराय काले खां के पास छोड़कर फरार हो गया।