बिहार में नतीजों के बाद संकट में कांग्रेस? कपिल सिब्बल ने कहा, हार को नियति मान बैठा है कांग्रेस नेतृत्व

बिहार चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। NDA सरकार बनाने जा रही है, लेकिन इस बीच आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है। उन्होंने कहा,  चुनाव पूरे जोरों पर था और राहुल गांधी शिमला में पिकनिक पर थे। क्या पार्टी ऐसे ही चल रही है?  

Asianet News Hindi | Published : Nov 16, 2020 1:58 AM IST / Updated: Nov 16 2020, 12:19 PM IST

नई दिल्ली. बिहार चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस पर उसी के नेताओं ने हमला करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने बिहार में खराब प्रदर्शन के बहाने शीर्ष नेतृत्व पर हमला बोला। उन्होंने कहा, बिहार (चुनाव) और उपचुनावों में हालिया प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी (के शीर्ष नेतृत्व) के विचार अब तक सामने नहीं आए हैं। शायद उन्हें लगता हो कि सब ठीक है और इसे सामान्य घटना ही माना जाना चाहिए। वहीं आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने बिहार में हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है। उन्होंने कहा, चुनाव पूरे जोरों पर था और राहुल गांधी शिमला में पिकनिक पर थे। क्या पार्टी ऐसे ही चल रही है?  

उन्होंने कहा, कांग्रेस इस बार के चुनाव में महागठबंधन के लिए घातक साबित हुई। कांग्रेस ने चुनाव में 70 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन 70 सार्वजनिक रैलियां भी नहीं कीं।  कांग्रेस जिस तरह से चुनाव लड़ रही है, उससे भाजपा को ही फायदा पहुंचा रही है।

उन्होंने कहा, जो लोग बिहार को जानते नहीं थे, उनके हाथ में प्रचार की कमान थी। राहुल गांधी तीन दिन के लिए आए, जबकि प्रियंका गांधी तो आईं भी नहीं।

शिवानंद तिवारी के बयान पर भाजपा की प्रतिक्रिया

शिवानंद तिवारी के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, राहुल गांधी जी के बारे में बिहार में महागठबंधन के सहयोगी पार्टी RJD के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि राहुल गांधी नॉन सीरीयस पर्यटक राजनेता है। शिवानंद जी तो राहुल जी को ओबामा से ज्यादा जानने लगे है। फिर भी कांग्रेस चुप क्यू ?

कांग्रेस का पलटवार, कहा- गठंबंधन धर्म न भूले

कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा, RJD नेता शिवानंद तिवारी पर लगाम लगावें> तेजस्वी यादव, कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को लेकर गिरिराज सिंह और शाहनवाज हुसैन जैसी भाषा राजद नेता का बोलना हमें स्वीकार नहीं> गठबंधन का धर्म होता है, जिसे सभी पक्षों को पालन करना चाहिए।
 

बिहार चुनाव में NDA को 125, महागठबंधन को 110 सीट

बिहार चुनाव में NDA को 125 सीटें मिलीं। महागठबंधन 110 पर ही सिमट गया। चिराग पासवान की पार्टी को सिर्फ 1 वोट मिला। NDA में भाजपा को 74, जदयू को 43, वीआईपी को 4 सीट और हम को भी 4 सीट मिली है। महागठबंधन में राजद 75, कांग्रेस 19, सीपीआई (माले) 12, सीपीआई 2 और सीपीएम को 2 सीट मिली है। एमआईएमआईएम को 5, बसपा को 1 और एक निर्दलीय 1 ने चुनाव जीता है।

बिहार चुनाव में तेजस्वी की पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले

1- सबसे पहले RJD की बात करते हैं। साल 2015 में RJD ने 18.8% वोट लेकर 80 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार 4.3% वोट ज्यादा मिले हैं। इस बार RJD को 23.1 प्रतिशत वोट मिले हैं। लेकिन सीटों की संख्या 80 से घटकर 75 पर पहुंच गई। यानी करीब 4% वोट बढ़ने के बाद भी 5 सीट का घाटा हुआ।2- अब BJP की बात करते हैं। साल 2015 में BJP को 25% वोट मिला था। यह साल 2015 में सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत था। लेकिन तब BJP 53 सीट ही जीत सकी थी। इस बार वोट प्रतिशत कम हुआ है। BJP को 19.5% ही वोट मिले हैं, लेकिन सीटों की संख्या 53 से बढ़कर 74 हो गई है। यानी 5.5% वोट का घाटा, लेकिन सीधे 21 सीटों का फायदा हुआ है।3- नीतीश की पार्टी JDU को साल 2015 में 17.3 प्रतिशत वोट मिले थे और 71 सीटों पर जीत हुई थी। लेकिन इस बार नीतीश को घाटा हुआ है। JDU का वोट प्रतिशत 17.3 से घटकर 15.4% पर पहुंच गया। यानी 1.9% वोटों का घाटा हुआ है, और सीटों की संख्या 71 से घटकर 43 हो गई है। यानी यहां भी 28 सीटों का घाटा हुआ है।4- बिहार चुनाव में कांग्रेस को साल 2015 में 6.8% वोट मिले थे। 27 सीटों पर जीत हुई थी। लेकिन इस बात कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़कर 9.5% पहुंच गया है, लेकिन सीटों की संख्या घटकर 27 से 19 हो गई है।

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