
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिक्षा, समाज और सरकार पर बड़ा बयान दिया। बीजेपी और संघ के बीच मतभेद की खबरों पर उन्होंने साफ कहा – “कहीं कोई झगड़ा नहीं है।” उन्होंने शिक्षा को सिर्फ साक्षरता नहीं, बल्कि इंसान को वास्तविक मनुष्य बनाने का जरिया बताया। साथ ही नई शिक्षा नीति और परंपरा आधारित बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। क्या भागवत का यह बयान राजनीति में नया संदेश है?