
RSS BJP Coordination: भाजपा के वैचारिक संरक्षक RSS (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की स्थापना के 100 साल पूरे हुए हैं। इस अवसर पर गुरुवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा ने नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ संबंधों पर बात की। उन्होंने साफ किया कि भाजपा और केंद्र सरकार के साथ RSS का कोई झगड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है कि भाजपा के फैसले आरएसएस द्वारा लिए जाते हैं।
भागवत ने कहा, "केंद्र और राज्यों के साथ हमारा अच्छा समन्वय है। ऐसी व्यवस्थाएं हैं जिनमें आंतरिक विरोधाभास हैं, लेकिन हमारा कोई झगड़ा नहीं है। मतभेद हो सकते हैं मनभेद नहीं। हमारा हर सरकार के साथ अच्छा समन्वय है।" उन्होंने कहा,
संघर्ष हो सकता है, लेकिन झगड़ा नहीं। जब हम समझौते की बात करते हैं, तो संघर्ष गहरा जाता है।
दरअसल, आरोप लगते रहे हैं कि भाजपा और उसकी सरकार को RSS चला रही है। इसके विपरीत, यह भी माना जाता है कि पीएम नरेंद्र मोदी और उनके करीबी सहयोगी अमित शाह के नेतृत्व वाली सरकार कई मुद्दों पर संघ से सहमत नहीं है।
भागवत ने स्वीकार किया कि आरएसएस और भाजपा हमेशा एकमत नहीं होते। आरएसएस अपने सदस्यों पर भरोसा करता है। हमें विश्वास है कि किसी न किसी समय वे एकमत हो जाएंगे। फैसले सामूहिक रूप से लिए जाते हैं। भागवत ने कहा, "RSS सिर्फ सुझाव देता है, भाजपा के फैसला लेने की प्रक्रिया में दखल नहीं देता। मैं 50 साल से शाखा चला रहा हूं। अगर कोई मुझे सुझाव देता है तो मैं सुनूंगा। लेकिन पार्टी देश चला रही है। वे इसमें माहिर हैं। हम (आरएसएस) नहीं हैं।"
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एक अन्य सवाल के जवाब में भागवत ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां आरएसएस का विरोध करने वालों ने अपना रुख बदला है। उन्होंने कहा, "हम अपने विरोधियों में हमारे प्रति उनके दृष्टिकोण में बदलाव देखते हैं। जयप्रकाश नारायण से लेकर प्रणब मुखर्जी तक, लोगों ने हमारे प्रति अपना दृष्टिकोण बदला है।"