उदयपुर की घटना पर RSS ने पहली बार की टिप्पणी, मोहन भागवत बोले-अगर कुछ पसंद नहीं तो...

उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के बाद देशभर में तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। ऐसी घटनाओं को लेकर सभी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। शनिवार को आरएसएस और संघ प्रमुख ने बयान जारी किया। 

Dheerendra Gopal | Published : Jul 9, 2022 3:32 PM IST

नई दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में हुई टेलर मास्टर कन्हैयालाल की हत्या पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सत्तारूढ़ बीजेपी के वैचारिक संरक्षक संघ के चीफ भागवत ने कहा कि मुस्लिम समाज को अपने मसलों पर विरोध करने का पूरा अधिकार है, उनको कड़ा से कड़ा विरोध करना चाहिए लेकिन अगर किसी को कुछ पसंद नहीं है तो उसे लोकतांत्रिक ढंग से प्रतिक्रिया न देकर ऐसी हरकत करना सही नहीं। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ सार्वजनिक भावना को भी ध्यान में रखना चाहिए।

झुंझुनू में हुई प्रांत प्रचारकों की मीटिंग में संघ प्रमुख ने कही ये बातें

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राजस्थान के झुंझुनू में प्रांत प्रचारकों या स्थानीय प्रचारकों की तीन दिवसीय बड़ी बैठक शनिवार को संपन्न हुई। इस दौरान उदयपुर की घटना का भी जिक्र किया गया। संघ के प्रचार प्रमुख (संचार प्रमुख) सुनील आंबेकर ने उदयपुर हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भारत एक लोकतंत्र है और उन लोगों के लिए संवैधानिक अधिकार हैं जो लोकतांत्रिक तरीके से अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के लिए कुछ पसंद नहीं करते हैं।

संघ की ओर से घटना पर जारी हुआ बयान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एक सभ्य समाज हमेशा ऐसी घटनाओं की निंदा करता है। हिंदू समुदाय लोकतांत्रिक तरीके से प्रतिक्रिया कर रहा है। मुस्लिम समुदाय से भी इस तरह की कार्रवाई की निंदा करने की उम्मीद है। कुछ बुद्धिजीवियों ने इसकी निंदा की है लेकिन मुस्लिम समुदाय को भी इसके खिलाफ बोलने के लिए आगे आना चाहिए। ये घटनाएं देश या हमारे समाज के हित में नहीं हैं। हर किसी को इसकी निंदा करनी चाहिए।

कौन कौन थे मीटिंग में?

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबोले, कृष्ण गोपाल, मनमोहन वैद्य, सी आर मुकुंद, अरुण कुमार और राम दत्त सहित आरएसएस के सीनियर लीडर्स मौजूद रहे।

क्या है उदयपुर की घटना?

बीते दिनों उदयपुर में टेलर मास्टर 48 वर्षीय कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी। मुस्लिम समाज के दो लोगों ने इस हत्या को अंजाम दिया था। दरअसल, एक डिबेट के दौरान बीजेपी की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के बाद पूरे देश में बवाल मचा था। देश ही नहीं दुनिया के करीब डेढ़ दर्जन देशों ने नुपुर के बयान पर आपत्ति जताई थी। तमाम मुस्लिम देशों की आपत्ति के बाद भारत सरकार ने इस बयान से किनारा कस लिया था। बीजेपी ने नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था। हालांकि, इसके बावजूद मुस्लिम समाज का विरोध चलता रहा। नुपुर शर्मा के बयान पर उदयपुर के रहने वाले कन्हैयालाल ने समर्थन में पोस्ट लिखा था। टेलरिंग का काम करने वाले कन्हैयालाल के पोस्ट से कुछ लोग खफा थे और उसे धमकियां दे रहे थे।

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