अमेरिका के टैरिफ पर मंथन के लिए दिल्ली में RSS की बड़ी बैठक, संघ प्रमुख मोहन भागवत रहेंगे शामिल

Published : Aug 16, 2025, 11:44 PM IST
RSS mohan bhagwat

सार

RSS Meeting on US Tariff: अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद RSS ने 19-20 अगस्त को दिल्ली में अहम बैठक बुलाई है। बैठक में आर्थिक असर और रणनीति पर चर्चा होगी।

RSS Meeting on US Tariff: अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने 19 और 20 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, छह सह सरकार्यवाह और कई राष्ट्रीय पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।

RSS Meeting का एजेंडा

सूत्रों के अनुसार बैठक का मुख्य फोकस अमेरिका के टैरिफ फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर का आकलन करना और उससे निपटने की रणनीति तैयार करना होगा। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले संघ के सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। इनमें लघु उद्योग भारती, सहकार भारती, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ और किसान संघ के नेता शामिल होंगे।

संघ की मीटिंग में केंद्र सरकार के मंत्री भी होंगे शामिल

इस बैठक में केंद्र सरकार के कुछ मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। इससे यह साफ है कि संघ और सरकार दोनों इस आर्थिक चुनौती को गंभीरता से देख रहे हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में संसद में कहा था कि सरकार टैरिफ के असर का अध्ययन कर रही है और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।

अमेरिका के टैरिफ का असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में भारत से आने वाले सामान पर पहले 25% और फिर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया जिससे कुल आयात शुल्क 50% हो गया। यह कदम रूस से भारत के तेल आयात को लेकर उठाया गया। जबकि मार्च 2025 से भारत और अमेरिका के बीच संतुलित और न्यायपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) पर बातचीत चल रही थी। लेकिन तनाव बढ़ने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इसे स्थगित कर दिया था।

उधर, अमेरिकी टैरिफ थोपे जाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। अमेरिकी टैरिफ की वजह से भारत के आधा दर्जन सेक्टर्स के तबाह हो सकती है। सबसे अधिक असर टेक्सटाइल सेक्टर, जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर, फार्मा सेक्टर्स पर पड़ने वाला है। अमेरिका के टैरिफ थोपे जाने की वजह से भारत के अमेरिकी एक्सपोर्ट में भारी गिरावट आ सकती है क्योंकि दाम बढ़ने की वजह से एक्सपोर्ट होने वाले सामानों की डिमांड भी घटेगी।

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