
Rupees Logo controversy: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) की सरकार ने राज्य के बजट के आधिकारिक लोगो में रुपये के प्रतीक (₹) को तमिल अक्षर 'रु' (று) से बदल दिया है। इस पहल के बाद एक बार फिर दक्षिण राज्य में भाषाई पहचान पर विवाद तेज होती दिख रही है। दक्षिण राज्य में डीएमके सरकार पहले से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत त्रिभाषा (Three Language Policy) पढ़ाने का विरोध कर रही है। स्टालिन की पार्टी डीएमके (DMK) का आरोप है कि केंद्र की बीजेपी सरकार दक्षिण राज्यों पर हिंदी थोपना चाहती है। स्टालिन की पार्टी के स्टैंड के बाद केंद्र और राज्य में तल्खी बढ़ती जा रही है। अब राज्य सरकार ने बजट में रुपये का चिह्न तमिल में कर विवाद की आग में घी डालने का काम किया है। हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि भारतीय करेंसी रुपये के लोगो की डिजाइन से डीएमके का सबसे गहरा नाता है।
दरअसल, भारत सरकार ने रुपये के लिए एक लोगो बनाने का फैसला किया था। इसके लिए वित्त मंत्रालय एक प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस प्रतियोगिता में कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता था। वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में विभिन्न प्रतियोगियों ने 3331 डिजाइन भेजे। इसमें पांच डिजाइन को लॉस्ट राउंड के लिए सेलेक्ट किया गया था। पांच डिजाइन्स में से उदयकुमार धर्मलिंगम (Udayakumar Dharamlingam) की डिजाइन को फाइनल किया गया।
भारतीय रुपये के नए लोगो के लिए उदयकुमार की डिजाइन को फाइनल करने के बाद 15 जुलाई 2010 को भारत सरकार ने सार्वजनिक किया था। उदयकुमार की डिजाइन को इसलिए फाइनल किया गया था क्योंकि उनकी डिजाइन में देवनागरी लिपि का 'र' अक्षर और अंग्रेजी का 'R' को मिलाकर एक यूनिक लोगो बनाया गया था।
उदयकुमार धर्मलिंगम पेशे से एक प्रोफेसर व डिजाइनर हैं। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कल्लाकुरिची में 1978 में जन्में डॉ.उदयकुमार धर्मलिंगम, आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) में प्रोफेसर हैं। प्रोफेसर उदयकुमार, देश के नामी डिजाइनर भी हैं।
भारतीय रुपये का लोगो डिजाइन करने वाले प्रोफेसर उदयकुमार धर्मलिंगम के पिता एन धर्मलिंगम विधायक रह चुके हैं। वह तमिलनाडु की डीएमके पार्टी से चुनाव जीते थे। पूर्व विधायक एन धर्मलिंगम, डीएमके के जाने माने नेता रहे हैं।