भारत के दुश्मनों के लिए बुरी खबर, 2026 तक रूस भेज देगा S-400 के बचे हुए दो स्क्वाड्रन

Published : Mar 21, 2024, 03:45 PM IST

भारत के दुश्मन देशों के लिए बुरी खबर है। यूक्रेन के साथ चल रही लड़ाई के बाद भी रूस भारत को तय सौदे के अनुसार एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-400 की डिलीवरी की कोशिश कर रहा है। रूस बचे हुए दो स्क्वाड्रन 2026 की तीसरी तिमाही तक भारत को दे देगा।  

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S-400 से हवाई हमला होने की स्थिति में बचाव की क्षमता बढ़ेगी। भारत ने 2018 में रूस से S-400 सिस्टम के पांच रेजिमेंट के लिए 35 हजार करोड़ रुपए में सौदा किया था। डील के अनुसार भारत को 2023-24 में सभी S-400 सिस्टम मिल जाने थे, लेकिन रूस-यूक्रेन लड़ाई के चलते इसमें देर हुई है।

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रक्षा सूत्रों से जानकारी मिली है कि अगस्त 2026 तक भारत को S-400 के बचे हुए दो स्क्वाड्रन मिल जाएंगे। भारत को पहले ही एस-400 के तीन स्क्वाड्रन मिल गए हैं। इन्हें चीन और पाकिस्तान की सीमा के पास तैनात किया गया है।

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एस-400 का पहला स्क्वाड्रन भारत को दिसंबर 2021, दूसरा स्क्वाड्रन अप्रैल 2022 और तीसरा स्क्वाड्रन मार्च 2023 में मिला। पहले के दो स्क्वाड्रन को चीन सीमा के पास और तीसरे स्क्वाड्रन को पाकिस्तान सीमा के पास तैनात किया गया है।

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एस-400 को दुनिया के सबसे बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम में से एक माना जाता है। इसका रडार 600 किलोमीटर दूर तक नजर रख सकता है। इससे 400 किलोमीटर दूर तक हवाई टारगेट के खिलाफ हमला किया जा सकता है।

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एस-400 दुश्मन के बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल, लड़ाकू विमान, ड्रोन और हेलिकॉप्टर को हवा में ही नष्ट कर सकता है। बड़े आकार के विमानों के लिए इसका रेंज 400 किलोमीटर है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान, AEWCS (Airborne Early Warning and Control Systems) विमान और टोही विमानों को यह 400 km दूर से ही मार गिराता है।

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S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के पास जमीन से हवा में मार करने वाले चार तरह के मिसाइल हैं। इसके 48N6DM मिसाइल का रेंज 250 किलोमीटर है। S-400 के 40N6 मिसाइल का रेंज 400km है। इसे बड़े आकार के टारगेट के खिलाफ लॉन्च किया जाता है।

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S-400 के पास मीडियम रेंज के दो मिसाइल 9M96E और 9M96E2 हैं। इन्हें लड़ाकू विमान जैसे तेज और फुर्तीले टारगेट को तबाह करने के लिए डिजाइन किया गया है। इन मिसाइलों का अधिकतम रेंज 120 किलोमीटर है।

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