क्या है टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन जिसे रूस ने किया बेलारूस में तैनात, जानें आम परमाणु हथियार से कितना है अलग

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन बेलारूस में तैनात किए गए हैं। रूस पर हमला हुआ तो वे इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन क्या है? 

 

Vivek Kumar | Published : Jun 18, 2023 12:27 AM IST / Updated: Jun 18 2023, 06:03 AM IST
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क्षमता के मामले में दो तरह के होते हैं परमाणु हथियार

परमाणु हथियार क्षमता के मामले में मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं। एक है टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन और दूसरा है स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन। स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन लंबी दूरी तक मार करने वाले और बहुत अधिक विनाशकारी होते हैं। अग्नि पांच और दूसरे इंटरकॉन्टिनेंटल न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल इस कैटेगरी में आते हैं। दूसरी ओर टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन की रेंज और क्षमता कम होती है।

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टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन में लगता है छोटा वारहेड

अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एक्सपर्ट्स के अनुसार टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन को जंग के मैदान में इस्तेमाल के लिए तैयार किया गया है। दुश्मन की बढ़त को रोकने और टैंक और अन्य बख्तरबंद गाड़ियों के बड़े फॉर्मेशन को तबाह करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। ये स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन से आकार में छोटे होते हैं। इनमें स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन की तुलना में छोटा न्यूक्लियर वारहेड (विस्फोटक) लगता है।

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टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन में होती है 1-50 किलोटन विस्फोट की क्षमता

परमाणु बम के धमाके से पैदा होने वाले एनर्जी को किलोटन में गिना जाता है। परमाणु बम जितना बड़ा होगा उसमें उतना अधिक किलोटन का विस्फोटक लगेगा। टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन में 1 किलोटन से 50 किलोटन तक का वारहेड लगता है। वहीं, स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन में 100 किलोटन से अधिक क्षमता का वारहेड होता है।

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15 किलोटन का था हिरोशिमा पर गिराया गया बम

अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर जिस बम को गिराया था वह 15 किलोटन का था। दुनिया का सबसे बड़ा पारंपरिक बम अमेरिका का मदर ऑफ ऑल बम है। यह 0.011 किलोटन क्षमता का है। टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन वाले मिसाइल का रेंज कम होता है। यह आमतौर पर 500 किलोमीटर से कम होता है। वहीं, स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन वाले मिसाइल का रेंज कई हजार किलोमीटर हो सकता है।

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अमेरिका ने कम की है टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन पर निर्भरता

अमेरिकी सेना ने टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन पर निर्भरता कम की है। अमेरिका के पास करीब 150 B61 ग्रैविटी बम हैं। इन्हें यूरोप में तैनात किया गया है। यूके और फ्रांस ने अपने टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन को खत्म कर दिया है। वहीं, पाकिस्तान, चीन, भारत, इजरायल और उत्तर कोरिया के पास कई तरह के टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन हैं। रूस टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन पर बहुत निर्भर करता है। इसके पास करीब दो हजार ऐसे हथियार हैं। इन परमाणु हथियारों को हवा, पानी और जमीन तीनों जगहों से दागने की क्षमता रूस के पास है।

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