यूक्रेन में फंसे 13 हजार लोग आ गए भारत, ऑपरेशन गंगा की समीक्षा के लिए PM Modi ने की उच्च स्तरीय बैठक

यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए केंद्र सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है। शनिवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन गंगा की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की।

Asianet News Hindi | Published : Mar 5, 2022 3:12 PM IST / Updated: Mar 06 2022, 12:09 AM IST

नई दिल्ली। यूक्रेन(Russia Ukraine War)   में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए केंद्र सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है। शनिवार देर शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन गंगा की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे। 

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि यूक्रेन संकट को लेकर 15 फरवरी को सरकार ने एडवाइजरी जारी की थी। हमने रूसी भाषी टीमों को आसपास के चार देशों में भेजा और एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया। 4 मार्च तक हम यूक्रेन से 16 हजार नागरिकों को बाहर निकालने में सफल रहे। 13 हजार से अधिक नागरिक भारत पहुंच चुके हैं और अधिक उड़ानें आ रही हैं। 

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इस बीच यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने वहां फंसे भारतीयों के लिए संदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि खार्किव और सूमी को छोड़कर यूक्रेन से 10 हजार से अधिक लोगों को निकाला गया है। हम सूमी में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पश्चिमी सीमाओं पर जाने वाले भारतीय कुछ और घंटों तक प्रतीक्षा करें। आपको जल्द ही घर ले जाया जाएगा। 

24 घंटे में भारत आए 2900 लोग
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में 15 विमान यूक्रेन में फंसे करीब 2900 लोगों को लेकर भारत आए हैं। अब तक लगभग 13,300 लोग भारत लौट चुके हैं। अगले 24 घंटों के लिए 13 उड़ानें निर्धारित हैं। संभवत: एक नेपाली नागरिक शनिवार को भारतीय विमान में आ रहा है। बांग्लादेशी नागरिक के भी बाद में आने की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें- युद्धग्रस्त यूक्रेन तक पहुंची मोदी सरकार, पिसोचिन में फंसे छात्रों के भेजी तीन बसें

अरिंदम बागची ने कहा कि समस्या सूमी में है। हम दोनों पक्षों से संघर्ष विराम के लिए दृढ़ता से आग्रह करते हैं। आशा है कि यह जल्द ही होगा। क्योंकि गोलाबारी में जान जोखिम में पड़ सकती है। भारतीय छात्र कैंपस में सुरक्षित हैं। हमारी टीमें अब पूर्व की ओर बढ़ रही हैं। समस्या बढ़ रही है। पिसोचिन और खार्किव से हम अगले कुछ घंटों में सभी को बाहर निकालने में सक्षम होंगे। अब तक मुझे पता है कि खार्किव में कोई नहीं बचा है। अब मुख्य ध्यान सुमी पर है। हिंसा के चलते चुनौती जारी है। परिवहन के साधन की कमी है। सबसे अच्छा विकल्प युद्धविराम होगा। अब हम देखेंगे कि कितने यूक्रेन में अभी भी हैं। दूतावास उन लोगों से संपर्क करेगा जो वहां हैं, लेकिन पंजीकृत नहीं हैं।

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