Russia Ukraine war: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पत्र लिखकर PM मोदी से लगाई गुहार, बंद कराएं लड़ाई, दीजिए मदद

राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से और अधिक मानवीय मदद देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन को मेडिकल उपकरणों की जरूरत है। इसके साथ ही जेलेंस्की ने लड़ाई (Russia Ukraine war) बंद कराने की भी गुहार लगाई है।

 

Vivek Kumar | Published : Apr 12, 2023 7:57 AM IST / Updated: Apr 12 2023, 01:28 PM IST

नई दिल्ली। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने पीएम मोदी से रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई बंद कराने की अपील की है। इसके साथ ही मानवीय मदद मांगी है। जेलेंस्की ने कहा है कि उनके देश को और अधिक मेडिकल उपकरणों की जरूरत है।

चार दिन की भारत यात्रा पर आईं यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन दझापरोवा ने केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से मुलाकात की और उन्हें राष्ट्रपति जेलेंस्की का पत्र सौंपा। इस दौरान मीनाक्षी लेखी और एमिन दझापरोवा के बीच द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर बात हुई।

यूक्रेन को मानवीय मदद बढ़ाएगा भारत

एमिन दझापरोवा से हुई मुलाकात की जानकारी देते हुए मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यूक्रेन को भारत की ओर से और अधिक मानवीय सहायता देने का आश्वासन दिया गया है। वहीं, एमिन दझापरोवा ने बैठक को "फलदायी" बताया है।

जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करना चाहते हैं जेलेंस्की
पिछले साल फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत की यात्रा करने वाली दझापरोवा पहली बड़ी अधिकारी हैं। ICWA में अपने संबोधन के बाद एक सवाल के जवाब में दझापरोवा ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भारत में जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करना चाहेंगे। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जी20 बाली शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था।

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दझापरोवा ने कहा कि भारत वैश्विक नेता है। जी20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत शांति लाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी जल्द ही कीव का दौरा करेंगे। गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत का स्टैंड रहा है कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है। बातचीत से मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। अमेरिका और रूस दोनों से भारत के अच्छे संबंध हैं। इसके चलते भारत ने इस मामले में तटस्थ है। भारत ने डायलॉग और डिप्लोमेसी के जरिए समस्याओं के समाधान की बात की है।

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