2020 में गेहूं के टॉप-5 निर्यातक थे रूस और यूक्रेन, युद्ध के बाद से भारत का एक्सपोर्ट बढ़कर टॉप-10 में पहुंचा

Wheat Export from India : भारत और चीन गेहूं के उत्पादक हैं, लेकिन यह प्रमुख निर्यातक नहीं रहे हैं।  लेकिन रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल की घटनाओं को देखते हुए इस मामले में भारत आगे आ जाएगा। भारत ने इस साल सात मिलियन टन अनाज निर्यात करने के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। 

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) के बीच तेल और गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। दुनियाभर के उपभोक्ताओं पर इसका असर दिख रहा है। हालांकि, यह अभी थमता भी नहीं, क्योंकि वैश्विक बाजार में कमोडिटी सुपरस्टोर के रूप में रूस  की भूमिका को देखते हुए अन्य कमोडिटी की कमतें बढ़ना तय है। तेल, गैस और कई कीमती धातुओं के अलावा रूस गेहूं का भी एक प्रमुख उत्पादक है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, रूस ने 2020 में  चीन और भारत के बाद तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा 86 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन किया। यह दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक (Wheat Exporter) देश है। 

भारत का उत्पादन अधिक, लेकिन एक्सपोर्ट में पीछे
भारत और चीन गेहूं के बड़े उत्पादक हैं, लेकिन यह प्रमुख निर्यातक नहीं हैं। लेकिन रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण भारत का गेहूं एक्सपोर्ट बढ़ेगा। भारत ने इस साल 7 मिलियन टन (70 लाख टन) गेहूं के निर्यात के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए हैं। फरवरी 2022 तक भारत 6.6 मिलियन टन गेहूं का निर्यात कर भी चुका है। यदि रूस और यूक्रेन की यही स्थिति रही तो भारत का एक्सपोर्ट और बढ़ सकता है। ताजा उपलब्ध FAO के आंकड़ों के अनुसार 7 मिलियन टन एक्सपोर्ट करते हुए भारत दुनिया का नौवां गेहूं का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है। हालांकि, संकट के इस वक्त और देश भी अपना एक्सपोर्ट बढ़ा सकते हैं।

Latest Videos

भारत और चीन अपना उत्पादन देश में करते हैं इस्तेमाल
आंकड़ों के मुताबिक चीन और भारत अब तक अपने उत्पादन के बड़े हिस्से का घरेलू स्तर पर उपभोग करते रहे हैं। इस वजह से रूस गेहूं का बड़ा निर्यातक बना रहा। रूस ही नहीं यूक्रेन भी गेहूं के शीर्ष निर्यातकों में से एक है। 2020 में रूस और यूक्रेन दोनों गेहूं निर्यातकों में टॉप- 5 की श्रेणी में थे। ऐसे में दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध से आशंका गहरी हो रही है कि यह संकट खाद्य सामग्री में महंगाई बढ़ा सकता है। इसी संकट की वजह से थोक गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी ने दुनियाभर में खाद्य मूल्य सूचकांक (Global Food price index) पर असर दिखाया। यह फरवरी में एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। फरवरी 2022 तक भारत ने 6.6 मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया। 31 मार्च तक यह 7 मिलियन टन होने की उम्मीद है। 

गेहूं के टॉप -10 एक्सपोर्टर 
देश    एक्सपोर्ट मात्रा  (मिलियन टन)
रूस    37.3 
अमेरिका    26.1
कनाडा    26.1
फ्रांस    19.8
यूक्रेन    18.1
ऑस्ट्रेलिया    10.4
अर्जेंटीना    10.2
जर्मनी    9.3
इंडिया    7.0
कजाखस्तान    5.2

(स्रोत: फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन UN)

यह भी पढ़ें सरकारी पेंशन स्कीम में बढ़ा लोगों का भरोसा, सब्सक्राइबर्स की संख्या में 22 फीसदी का इजाफा

फरवरी में इतनी उछलीं कीमतें 
कोरोना वायरस (Coronavirus) से उबरने के बाद दुनियाभर में खाद्य मूल्य सूचकांक (Food price index) काफी तेजी से बढ़ा है। यह फरवरी 2022 में 140.7 अंक के एक नए उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इस दौरान वनस्पति तेल 8.5 फीसदी की बढ़त के साथ सबसे ऊपर रहा। उत्पादन और निर्यात अनुमानों में गिरावट के कारण पाम, सोया और सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में तेजी आई। सनफ्लावर ऑयल को यूक्रेन और रूस युद्ध ने प्रभावित किया है, क्योंकि दोनों देश इसके प्रमुख उत्पादक हैं। सिर्फ तेल ही नहीं, गेहूं की कीमतें भी बढ़ गई हैं। जानकारों का कहना है कि एशिया और मध्य पूर्व से मांग के कारण दुनियाभर में डेयरी प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ीं। मांस की कीमतों में केवल वृद्धि हुई, जबकि चीनी की कीमतों में गिरावट आई।

यह भी पढ़ें ऑपरेशन गंगा: युद्धग्रस्त सुमी से सुरक्षित अपने वतन पहुंचे 242 भारतीय नागरिक, खुशी से छलक पड़े आंसू

Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी