राजीव चंद्रशेखर का दावा- AI के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए डिजिटल इंडिया एक्ट सक्षम होगा

ईशा फाउंडेशन में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और सद्गुरु ने डीपफेक, एआई, डिजिटल इंडिया एक्ट, 6जी और उभरते भारत में इंटरनेट के भविष्य पर चर्चा की।

Dheerendra Gopal | Published : Nov 24, 2023 3:48 PM IST

Sadguru Academy Insight programme: सद्गगुरु अकादमी में 'इनसाइट: द डीएनए ऑफ सक्सेस' के 12वें एडिशन का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। कोयम्बटूर स्थित ईशा योग केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर रहे। केंद्रीय मंत्री ने भारत का भविष्य: सरकार की दृष्टि और नीति तत्परता विषय पर ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु से विस्तृत बातचीत की है। इस डिबेट का मुख्य उद्देश्य एआई के दुष्प्रभाव के मुद्दों के समाधान के लिए पॉलिसी लेवल पर समाधान पर प्रकाश डालना था। सद्गुरु ने इस मुद्दे को प्रमुखता से इंगित किया कि कैसे उन्हें डीपफेक के माध्यम से कुछ नकली संगठनों के लिए धन जुटाने के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

नए आईटी एक्ट में सभी मुद्दों से निपटा जा सकेगा

डिबेट में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि डिजिटल इंडिया एक्ट वर्तमान में सभी प्रमुख मुद्दों के समाधान में सक्षम है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एआई के दुष्प्रभावों से निपटना है। यह वर्तमान आईटी अधिनियम का स्थान लेगा जो लगभग 22 वर्ष पुराना है। उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट जो वर्तमान में लागू है उसे पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जमाने में लागू किया गया था। लेकिन उस समय उसमें इंटरनेट शब्द तक का उल्लेख नहीं है। लेकिन अब टेक्नोलॉजी काफी आगे बढ़ गई है। एआई हमारे सामने चुनौती है। नया आईटी एक्ट जिसे डिजिटल इंडिया एक्ट के नाम से जाना जाएगा, उसमें सभी समाधान है। वह सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है।

सद्गुरु ने कहा कि मैं प्रौद्योगिकी को कभी भी एक समस्या के रूप में नहीं देखता। यह एक बड़ी संभावना है लेकिन जीवन की प्रकृति ऐसी है, जब तक हम किसी संभावना का सही ढंग से उपयोग नहीं करते, यह हमारे जीवन की सबसे खराब समस्या बन सकती है।

राजीव चंद्रशेखर ने नई तकनीक से कराया रूबरू

चन्द्रशेखर 6जी और वायरलेस तकनीक के बारे में बात करते हुए बेहद आशावादी दिखे। उन्होंने कहा कि यह हमारे काम करने के तरीके और दुनिया को डेटा और सेवाएं प्रदान करने के तरीके में एक अभूतपूर्व बदलाव हो सकता है। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप के साथ यह भारत को सक्रिय रूप से इंटरनेट के भविष्य को आकार देने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास इंटरनेट पर 845 मिलियन भारतीय हैं। हम दुनिया में इंटरनेट से जुड़ा सबसे बड़ा देश हैं। हालांकि, हमारे पास 400 मिलियन भारतीय भी हैं जो इंटरनेट पर नहीं हैं तो हम दुनिया के सबसे बड़े असंबद्ध राष्ट्र भी हैं। लेकिन 2026 तक हम उम्मीद करते हैं कि 1.2 अरब भारतीयों के पास इंटरनेट तक सीधी, बिना-मध्यस्थ पहुंच होगी। और हम निश्चित रूप से वैश्विक इंटरनेट पर अब तक की सबसे बड़ी उपस्थिति होंगे।

यह भी पढ़ें:

मिडिल-ईस्ट के पास से गुजरने वाले विमान अचानक से भटक जा रहे, DGCA ने जताई चिंता, जारी किया अलर्ट

Read more Articles on
Share this article
click me!