चामराजनगर : वह सभी कलाओं में माहिर था। अपनी प्रतिभा से सैंडलवुड में चमकने वाला यह व्यक्ति अब खाकी के हाथों में कैद है। गलत संगत का असर, जिस तरह एक साधु बिगड़ जाता है, उसी तरह एक अभिनेता सह निर्देशक सह निर्माता और स्टंटमैन खतरनाक चोर बनकर जेल पहुँच गया है।
यह कहानी किसी फ़िल्मी दुखांत नायक की तरह है। रील लाइफ से भी आगे निकल गई है इसकी रियल लाइफ। जी हाँ, 'रिटन बाई आनंद पेज नंबर 32' फिल्म का नायक ही रियल लाइफ का दुखांत नायक है। अभिनेता सह निर्देशक सह स्टंटमैन आनंद अब चामराजनगर जिला पुलिस का मेहमान है। चामराजनगर शहर और कोल्लेगल पुलिस थाना क्षेत्र में हुई कई चोरियों में आनंद शामिल था। फिल्मों में चमकने वाला यह व्यक्ति अब जेल की सलाखों के पीछे है।
'कीचक', 'क्लास-2' और तमिल फिल्म 'अचमलाई' में सहायक अभिनेता के रूप में काम कर चुके आनंद ने 'अण्णतंगी', 'तवरिगे बा तंगी', 'भजरंगु-2' फिल्मों में डुप्लीकेट कलाकार के रूप में भी काम किया था। 2005 में, उसने 'रिटन बाई आनंद पेज नंबर 32' फिल्म में खुद अभिनय किया और उसे बनाने की कोशिश की। इसके लिए उसने काफी कर्ज लिया था। गंभीर आर्थिक तंगी के चलते फिल्म अधूरी रह गई। उसी दौरान अपनी पत्नी के साथ अवैध संबंध होने के आरोप में एक व्यक्ति की हत्या कर परप्पन अग्रहार जेल चला गया। जेल में उसकी तमिलनाडु के चोरों से मुलाकात हुई। जमानत पर रिहा होने के बाद, वह तमिलनाडु के एक चोर के साथ मिलकर चोरी करने लगा।
पहली ही कोशिश में उसने 6 लाख की चोरी की। चामराजनगर - वह सभी कलाओं में माहिर था। अपनी प्रतिभा से सैंडलवुड में चमकने वाला यह व्यक्ति अब खाकी के हाथों में कैद है। गलत संगत का असर, जिस तरह एक साधु बिगड़ जाता है, उसी तरह एक अभिनेता सह निर्देशक सह निर्माता और स्टंटमैन खतरनाक चोर बनकर जेल पहुँच गया है।
यह कहानी किसी फ़िल्मी दुखांत नायक की तरह है। रील लाइफ से भी आगे निकल गई है इसकी रियल लाइफ। जी हाँ, 'रिटन बाई आनंद पेज नंबर 32' फिल्म का नायक ही रियल लाइफ का दुखांत नायक है। अभिनेता सह निर्देशक सह स्टंटमैन आनंद अब चामराजनगर जिला पुलिस का मेहमान है। चामराजनगर शहर और कोल्लेगल पुलिस थाना क्षेत्र में हुई कई चोरियों में आनंद शामिल था। फिल्मों में चमकने वाला यह व्यक्ति अब जेल की सलाखों के पीछे है।
'कीचक', 'क्लास-2' और तमिल फिल्म 'अचमलाई' में सहायक अभिनेता के रूप में काम कर चुके आनंद ने 'अण्णतंगी', 'तवरिगे बा तंगी', 'भजरंगु-2' फिल्मों में डुप्लीकेट कलाकार के रूप में भी काम किया था। 2005 में, उसने 'रिटन बाई आनंद पेज नंबर 32' फिल्म में खुद अभिनय किया और उसे बनाने की कोशिश की। इसके लिए उसने काफी कर्ज लिया था। गंभीर आर्थिक तंगी के चलते फिल्म अधूरी रह गई। उसी दौरान अपनी पत्नी के साथ अवैध संबंध होने के आरोप में एक व्यक्ति की हत्या कर परप्पन अग्रहार जेल चला गया। जेल में उसकी तमिलनाडु के चोरों से मुलाकात हुई।
जमानत पर रिहा होने के बाद, वह तमिलनाडु के एक चोर के साथ मिलकर चोरी करने लगा। पहली ही कोशिश में उसने 6 लाख की चोरी की। पुलिस पूछताछ में एक्टर-डायरेक्टर के राज़ खुलते गए। शौकिया तौर पर दुकानों में चोरी करता था आनंद। 2 अक्टूबर को मादप्पा के दर्शन के बाद कोल्लेगल लौटकर उसने प्रमुख दुकानों की रेकी की। रात में दुकानों में सेंध लगाता था। स्टंटमैन होने के कारण छोटी सी जगह से भी घुस जाता था। इसी तरह चामराजनगर में भी चोरी की। चुराए हुए पैसों से बार, पब में मौज करता था। बच्चों को कर्नाटक भ्रमण कराया। जांच में आनंद के और भी कारनामे सामने आ रहे हैं। चोरी का चस्का लगने के बाद आनंद ने बैंगलोर, तुमकुर, चामराजनगर समेत राज्य के 45 से ज़्यादा जगहों पर दुकानों और घरों में चोरी की। अब चामराजनगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
चामराजनगर पुलिस आनंद से पूछताछ कर रही है, और भी चोरी के मामले सामने आ सकते हैं। सिल्वर स्क्रीन पर चमकने वाला एक्टर अब जेल की सलाखों के पीछे है।