संदेशखाली मुद्दे पर पीएम मोदी ने बंगाल सरकार को घेरा तो ममता बनर्जी ने दे डाली चुनौती, कोलकाता में महिलाओं ने किया पैदल मार्च

Published : Mar 07, 2024, 07:07 PM ISTUpdated : Mar 07, 2024, 11:39 PM IST
Mamata Banerjee Kolkata March

सार

महिला अधिकार, आमोदर अंगीकार का नारा लगाते हुए बड़ी संख्या में महिलाओं ने कोलकाता की सड़कों पर मार्च किया। रैली में बीजेपी नेताओं को महिलाओं ने जमकर कोसा। रैली में उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखाली की महिलाओं ने भी हिस्सा लिया।

Sandeshkhali row: पश्चिम बंगाल में संदेशखाली पर राजनीति लोकसभा चुनाव के पहले बढ़ती जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा संदेशखाली मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना बनाने के एक दिन बाद ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी महिला विंग ने बड़ी रैली निकालकर जवाब दिया। महिला अधिकार, आमोदर अंगीकार का नारा लगाते हुए बड़ी संख्या में महिलाओं ने कोलकाता की सड़कों पर मार्च किया। रैली में बीजेपी नेताओं को महिलाओं ने जमकर कोसा। रैली में उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखाली की महिलाओं ने भी हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में निकाले गए इस मार्च में सुष्मिता देव, शशि पांजा, राज्यसभा सांसद और पत्रकार सागरिका घोष भी शामिल हुए। ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी मार्च में शामिल हुए।

बीजेपी नेताओं को ममता बनर्जी की चुनौती

मार्च को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा नेताओं ने कहा कि बंगाल में महिलाओं पर अत्याचार होता है। मैं चुनौती दे सकती हूं कि बंगाल में महिलाएं सबसे सुरक्षित हैं। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब मणिपुर में महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया, जब हाथरस में एक महिला के साथ बलात्कार किया गया और उसके शव का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया, तब आप कहां थे? क्या आप बिलकिस (बानो) को भूल गए हैं?

बीजेपी बाबू जहां से लड़ेंगे हराएंगे

कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के बीजेपी में शामिल होने पर ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी का एक बाबू बेंच में था, यह साबित हो गया। अब वह बीजेपी में शामिल हो गया। आप उनसे न्याय की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि बीजेपी का बाबू जहां से भी चुनाव लड़ेंगे वहां से टीएमसी हराएगी।

दरअसल, ममता बनर्जी 8 मार्च को हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं का एक मार्च निकालती हैं। लेकिन इस बार महाशिवरात्रि की वजह से उन्होंने एक दिन पहले ही यह आयोजित किया। इस बार मार्च का उद्देश्य, पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं द्वारा बंगाल में महिला उत्पीड़न को लेकर बयानबाजी के खिलाफ रहा।

टीएमसी का मुख्य आधार महिला वोटर्स

टीएमसी का एक बड़ा आधार महिला वोटर्स का समर्थन रहा है। 13 साल से ममता बनर्जी राज्य की सत्ता पर काबिज हैं। ममता बनर्जी सरकार की कन्याश्री, रूपश्री, लक्ष्मीर भंडार जैसी योजनाएं उनके व्यापक समर्थन का भी आधार है। हालांकि, बीजेपी ने बीते दिनों संदेशखाली को मुद्दा बनाकर महिला वोटर्स को खिसकाने का काम किया है। ऐसे में ममता बनर्जी अपने कोर वोटर्स को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती हैं।

पीएम मोदी ने बताया बंगाल सरकार को महिला विरोधी

एक दिन पहले बुधवार को पश्चिम बंगाल के बारासात में भाजपा के महिला मोर्चा के कार्यक्रम में प्रधान मंत्री मोदी ने तृणमूल सरकार को महिला विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि बंगाल में महिलाएं गुस्से में हैं और संदेशखाली का तूफान संदेशखाली तक ही सीमित नहीं रहेगा और पूरे बंगाल में फैल जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बंगाल सरकार संदेशखाली के ताकतवर नेता शेख शाहजहां को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है।

टीएमसी का केंद्र की बीजेपी सरकार पर पलटवार

प्रधानमंत्री के आरोपों पर तृणमूल नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति पर व्याख्यान दिया। पीएम से तीन प्रश्न है... हर घंटे महिलाओं के खिलाफ अपराध के 51 मामले क्यों हैं? लोकसभा में भाजपा की 13 प्रतिशत महिलाएं क्यों हैं? केवल 14 प्रतिशत महिलाएं क्यों हैं 195 उम्मीदवारों की सूची? पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं? तृणमूल नेता ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का जिक्र किया जिन्हें यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख का पद छोड़ना पड़ा था।

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