शाहजहां शेख पर संदेशखाली में जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के अलावा तीन भाजपा समर्थकों की हत्या और पश्चिम बंगाल में बिजली विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
शाहजहां शेख। संदेशखाली मामले में मुख्य आरोपी रहे शाहजहां शेख को कल यानी गुरुवार (29 फरवरी) को पुलिस ने 55 दिनों के बाद गिरफ्तार कर लिया था। तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शाहजहां शेख पर कई गंभीर आरोप है। उस पर संदेशखाली में जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के अलावा तीन भाजपा समर्थकों की हत्या और पश्चिम बंगाल में बिजली विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
हालांकि, ज्यादातर मामलों में चार्जशीट उपलब्ध नहीं है या फिर शाहजहां के खिलाफ जांच ही रुकी हुई है। इंडिया टुडे ने इस पर अपनी जांच के आधार पर कई खुलासे किए हैं, जिससे पता चलता है कि कई मामले दर्ज होने के बावजूद प्रशासन द्वारा संदेशखाली के आरोपी नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने शाहजहां शेख के जुड़े कई मामलों पर गुरुवार को गौर किया और तत्काल सुनवाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट के जज ने शाहजहां शेख के वकील को कहा कि शाहजहां शेख के खिलाफ लगभग 43 मामले हैं। अब अगले 10 वर्षों तक ये आदमी आपको व्यस्त रखेगा। आपको कम से कम अगले 10 वर्षों तक उसके सभी मामलों को संभालना होगा। शाहजहां शेख समेत 24 अन्य लोगों पर साल 2019 जून में बीजेपी समर्थक देबदास मंडल, उनके पिता प्रदीप मंडल और एक सुकांत मंडल की हत्या के आरोप में नज़ात पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
भाजपा समर्थक के घर में घुसकर हत्या
भाजपा समर्थकों की हत्या से जुड़े मामले में FIR की रिपोर्ट में बताया गया कि शाहजहां के नेतृत्व में लगभग 150 लोगों का एक समूह घातक हथियारों से लैस होकर मंडल के घर में घुस गए. उन लोगों ने पीड़ित के घर में तोड़फोड़ की. इस दौरान देबदास मंडल के पिता प्रदीप मंडल की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। इसके अलावा घर में आग लगा दी गई। वहीं देबदास मंडल ने भागने की कोशिश की तो उसे पकड़ लिया गया और उसकी पिटाई की गई।
करीब दो साल बाद उनका शव इलाके में एक नदी के किनारे मिला था। वहीं शाहजहां शेख के लोगों का एक अन्य समूह सुकांत मंडल नाम के व्यक्ति की दुकान में घुस गया और उसकी हत्या कर दी।इंडिया टुडे की जांच में पाया गया कि मामले की चार्जशीट उपलब्ध नहीं थी।
शाहजहां शेख के खिलाफ दर्ज की गई एक तत्काल FIR को हटा दिया गया। इसके अलावा, यह पाया गया कि पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई आपत्तिजनक सामग्री जब्त नहीं की गई और शेख से कभी पूछताछ नहीं की गई। आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज एक अन्य मामले में शाहजहां के खिलाफ जांच लंबित है। FIR में नामित 23 लोगों में से केवल छह आरोपियों पर आरोप लगाए गए थे।
शाहजहां शेख के 700 लोगों ने सड़कों पर लगाए जाम
25 अगस्त 2022 को शाहजहां शेख के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था, जब 10 लोगों ने सरबेरिया में WBSEDCL (राज्य बिजली वितरण बोर्ड) स्टेशन प्रबंधक के कार्यालय में प्रवेश किया और कुछ कर्मचारियों की पिटाई की। घटना में कई कर्मचारी घायल हो गये। इस मामले में 15 अक्टूबर, 2022 को आरोप पत्र दायर किया गया था और एक अदालत द्वारा वारंट भी जारी किया गया था।
हालांकि, आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई।इसी मामले में एक और FIR तब दर्ज की गई जब शाहजहां के नेतृत्व में 700 लोगों ने ऊंचे बिजली बिल के विरोध में सरबेरिया में बसंती राजमार्ग को बंद कर दिया। विरोध तब हिंसक हो गया जब भीड़ पुलिस से भिड़ गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। झड़प के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों की पिटाई भी की गई। हालांकि, इस मामले में भी तृणमूल नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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