China Pangong Lake Bridge : ड्रैगन पैंगोंग झील पर तेजी से बना रहा अवैध ब्रिज, सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा

सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हाल में भारत और चीन के बीच 14 दौर की वार्ता हो चुकी है.  लेकिन ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है, वह पैंगोंग त्सो झील के किनारे एक पुल का निर्माण कर रहा है. 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 18, 2022 12:32 PM IST / Updated: Jan 18 2022, 06:32 PM IST

लद्दाख  :  चीन (china) अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ड्रैगन की हरकतों की वजह से एक बार फिर पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ने लगा है। दरअसल, चीन पैंगोंग त्सो झील (Pangong Tso Lake) के किनारे पर एक पुल का बना रहा है, जिसकी लंबाई 400 मीटर से अधिक है और ब्रिज की चौड़ाई आठ मीटर है। इसकी सैटेलाइट तस्वीरें 16 जनवरी को आई हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि चीन इस पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लेता तो उसे पैंगोंग त्सो क्षेत्र में अहम सैन्य बढ़त मिल सकती है। बता दें कि इससे  पहले लद्दाख मुद्दे को लेकर भारत और चीन के बीच 14 दौर की वार्ता हो  चुकी है।

16 जनवरी की आईं सैटेलाइट तस्वीरें 
मीडिया रिपोर्ट  के मुताबिक, 16 जनवरी की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन झील के किनारे  एक पुल बना रहा है, तस्वीरों से मालूम पड़ता है कि चीनी मजदूर ब्रिज के खंभों को एक भारी क्रेन की सहायता से कंक्रीट स्लैब से जोड़ने का काम रहे हैं, जिस पर डामर बिछाया जाएगा।  चीन ब्रिज बनाने का निर्माण कार्य तेजी से कर रहा, जिससे लग रहा है कि ब्रिज कुछ महीनों में बन कर तैयार हो जाएगा। हालांकि, इस क्षेत्र में चीन के मुख्य सैन्य हब रुतोग तक सड़क से पहुंच सुनिश्चित करने में अभी लंबा समय लगेगा।

पैंगोंग के उत्तरी तट पर बना ड्रैगन पुल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह पुल पैंगोंग के उत्तरी तट पर एक चीनी सेना के मैदान के ठीक साउथ में स्थित है। जहां 2020 में लद्दाख गतिरोध के दौरान चीनी सेना के अस्पताल और सैनिकों की रहने की व्यवस्था की गई। झील के उत्तरी किनारे के चीनी सैनिकों को अब रुतोग में अपने बेस तक पहुंचने के लिए पैंगोंग झील के आसपास लगभग 200 किलोमीटर ड्राइव करने की जरूरत नहीं होगी।  उनकी यात्रा अब लगभग 150 किमी तक कम हो जाएगी।  द इंटेल लैब में GEOINT रिसर्चर डेमियन साइमन ने कहा कि निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भारी मशीनरी (क्रेन) भी लगाई गई है, जिससे खराब मौसम और बर्फबारी में काम जारी रह सकेगा। एक नया ट्रैक भी देखा गया है जो कि ब्रिज को खुर्नक किले (पैंगोंग के उत्तरी किनारे) के पास एक सड़क नेटवर्क से जोड़ रहा है, जो इसे गाड़ी चलाने के लिए अच्छे से तैयार सड़क के जरिए उत्तर के इलाकों के साथ जोड़ता है।''

भारत ब्रिज के निर्माण को  मानता है अवैध
फोर्स एनालिसिस के चीफ मिलेट्री एनालिस्ट सिम टैक का कहना है कि नए ब्रिज का निर्माण उस क्षेत्र में किया गया है, जो 1958 से चीन के कब्जे में है, इससे यह साफ है कि भारत इस ब्रिज के निर्माण को पूरी तरह से अवैध मानता है। यह पुल "व्यावहारिक तौर पर उस जगह स्थित है, जहां भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा होने का दावा करता है।

इसे भी पढ़ें- 12 से 14 साल के बच्चों का अभी नहीं होगाा Vaccination, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावों को किया खारिज
Mehbooba Mufti ने कहा- UP में BJP से छुटकरा 1947 से भी बड़ी आजादी होगी, ये सिर्फ मंदिर-मस्जिद की बात करते हैं
Coronavirus की रफ्तार में लगा ब्रेक: 24 घंटे में 2,38,018 नए केस, 310 लोगों की मौत

Share this article
click me!