सत्यपाल मलिक की कंप्लीट जर्नी के 20 पायदान, पढ़ें कैसा रहा छात्र नेता से राज्यपाल तक का सफर

Published : Aug 05, 2025, 01:41 PM ISTUpdated : Aug 05, 2025, 03:33 PM IST
Satya Pal Malik

सार

Satyapal Malik Death: सत्यपाल मलिक ने छात्र राजनीति से अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया था। अपने 50 साल के सार्वजनिक जीवन में वह विधायक से लेकर सांसद और राज्यपाल के पद पर रहे।

Satyapal Malik Biography in Hindi: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के अंतिम राज्यपाल रहे। उनके कार्यकाल के दौरान ही 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 निरस्त किया गया और जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया। बाद में उन्हें गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। उन्होंने अक्टूबर 2022 तक मेघालय के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक करियर, 20 प्वाइंट में पढ़ें…

1- सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिला के हिसावदा गांव के जाट परिवार में हुआ था।

2- मलिक ने मेरठ यूनिवर्सिटी से B.Sc. और LLB की डिग्री ली थी।

3- राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र नेता के रूप में की। वह समाजवादी विचारधारा से प्रभावित थे। 1966-67 में मेरठ कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने।

4- 1968-69 में मेरठ यूनिवर्सिटी (अब चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय) के छात्र संघ अध्यक्ष बने।

5- सत्यपाल मलिक ने चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ा और 1974-77 तक बागपत से विधायक रहे।

6- 1975 में लोकदल के अखिल भारतीय महासचिव बने।

7- सत्यपाल 1980-86 तक लोकदल और 1986-89 तक कांग्रेस के टिकट से राज्यसभा सदस्य रहे।

8- 1984 में कांग्रेस में शामिल हुए, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में सेवा दी।

9- 1987 में बोफोर्स घोटाले का विरोध किया। राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफा दिया। कांग्रेस छोड़कर 'जन मोर्चा' का गठन किया।

10- 1988 में जन मोर्चा का जनता दल में विलय किया। 1989 से 91 तक अलीगढ़ से सांसद रहे।

11- 1989 में केंद्रीय संसदीय कार्य एवं पर्यटन राज्य मंत्री बने।

12- मलिक ने वी.पी. सिंह (जनता दल), कांग्रेस और बाद में भाजपा के साथ काम किया।

13- समाजवादी पार्टी के टिकट से 1996 में अलीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।

14- मलिक भाजपा में अखिल भारतीय किसान मोर्चा प्रभारी (2009), राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (2012) जैसे बड़े पदों पर रहे।

15- 2017 में बिहार के राज्यपाल बने। इस पद पर 2018 तक रहे। मार्च-अगस्त 2018 तक ओडिशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभाला।

16- 2018 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे।

17- जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद उन्हें गोवा के राज्यपाल (2019-20) की जिम्मेदारी दी गई।

18-2020 से 2022 तक मेघालय के राज्यपाल रहे।

यह भी पढ़ें- Satyapal Malik Death: जम्मू-कश्मीर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, दिल्ली के अस्पताल में ली अंतिम सांस

19- राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान और उसके बाद भी सत्यपाल ने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने राष्ट्रीय विवादों पर सार्वजनिक बयान दिए।

20- मलिक को बहुमुखी प्रतिभा और राजनीतिक क्षेत्र में गतिशीलता, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने में उनकी भूमिका और सार्वजनिक जीवन में लंबी अवधि के लिए जाना जाता है।

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