प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार पर्यावरण की रक्षा के लिए काम कर रही है। भारत 2070 तक नेट जीरो इमिशन (Net Zero Emission) वाला देश बन जाएगा। बीते आठ वर्षों में देश ने मिट्टी को जीवंत बनाए रखने के लिए काम किया है।
नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर ईशा फाउंडेशन द्वारा मृदा बचाओ आंदोलन (Save Soil Movement) के तहत आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार पर्यावरण की रक्षा के लिए काम कर रही है। भारत 2070 तक नेट जीरो इमिशन (Net Zero Emission) वाला देश बन जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मार्च में ईशा फाउंडेशन ने मिट्टी बचाओ अभियान शुरू किया। सद्गुरु ने इसके लिए 27 देशों की यात्रा की। आज उनकी यात्रा का 75वां दिन है। देश में पिछले आठ साल में जो योजनाएं चलाई जा रही हैं सभी में किसी न किसी रूप से पर्यावरण संरक्षण का आग्रह है।
पर्यावरण की बर्बादी में हिंदुस्तान की भूमिका नहीं
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पर्यावरण में हुए बदलाव से दुनिया परेशान है। पर्यावरण की बर्बादी में हिंदुस्तान की भूमिका नहीं है। विश्व के बड़े और आधुनिक देश ना केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधन का दोहन कर रहे हैं, बल्की सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन भी कर रहे हैं। कार्बन उत्सर्जन का वैश्विक स्तर प्रति व्यक्ति चार टन है। भारत में प्रति व्यक्ति कार्बन फुटप्रिंट प्रति वर्ष आधा टन के आसपास है। इसके बाद भी भारत पर्यावरण की दिशा में वैश्विक समुदाय के साथ मिलकर काम कर रहा है।
2070 तक नेट जीरो इमिशन वाला देश होगा भारत
पिछले वर्ष भारत ने यह भी संकल्प लिया है कि वह 2070 तक नेट जीरो इमिशन का लक्ष्य हासिल करेगा। मिट्टी हमारे लिए पंच तत्वों में से एक है। हम माटी को गर्व के साथ अपने माथे से लगाते हैं। माटी के सम्मान में कोई कमी नहीं है। माटी की अहमियत समझने में कोई कमी नहीं है। कमी इस बात को स्वीकारने में है कि मानव जाति जो कर रही है उससे मिट्टी को कितना नुकसान हो रहा है।
मिट्टी को जीवंत बनाए रखने के लिए हो रहा काम
नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते आठ वर्षों में देश ने मिट्टी को जीवंत बनाए रखने के लिए काम किया है। मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है। पहला, मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं। दूसरा, मिट्टी में जो जीव रहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं। तीसरा, मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। चौथा, भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो कहा है उसे कैसे दूर करें और पांचवा वनों का दायरा कम होने के मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है उसे कैसे रोकें।
यह भी पढ़ें- World Environment Day 2022: ये हैं भारत की 10 सबसे हरी भरी और साफ-सुथरी City, क्या आपका शहर भी है लिस्ट में
उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही कृषि नीति में बदलाव किया गया है। हमने स्वाइल हेल्थ कार्ड देने का अभियान चलाया। देशभर में 22 करोड़ से ज्यादा किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड दिए गए। इससे मिली जानकारी के अनुसार किसान फर्टिलाइजर और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे खेती की लागत कम हुई और उपज बढ़ी है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूरिया की शत-प्रतिशत नीमकोटिंग ने भी मिट्टी को स्वस्थ हुई है। माइक्रो इरिग्रेशन को बढ़ावा देने और अटल भू योजना की वजह से मिट्टी की सेहत संभल रही है।
यह भी पढ़ें- World Environment Day: यह है भारत की सबसे साफ नदी, गंदा करने पर लगता है भारी जुर्माना