शख्स की मांग नॉनवेज खाने की मिले इजाजत, SC ने पूछा- कुछ दिन चिकन-मटन नहीं खाएंगे तो क्या बिगड़ेगा?

सुप्रीम कोर्ट में नॉनवेज सप्ताह में एक दिन उपलब्ध कराने के लिए याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने करारा जवाब देते हुए याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर आप कुछ दिन घर पर रह लेंगे और चिकन-मटन नहीं खाएंगे, तो उससे क्या बिगड़ जाएगा?

Asianet News Hindi | Published : Apr 16, 2020 4:20 AM IST

नई दिल्ली.  कोरोना वायरस का संक्रमण देश में बढ़ता जा रहा है। जिसको रोकने के लिए तमाम कवायदे की जा रही है। देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी दुकानें बंद हैं। इन सब के बीच सुप्रीम कोर्ट में नॉनवेज सप्ताह में एक दिन उपलब्ध कराने के लिए याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने करारा जवाब देते हुए याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर आप कुछ दिन घर पर रह लेंगे और चिकन-मटन नहीं खाएंगे, तो उससे क्या बिगड़ जाएगा?

'चिकन-मटन को भी जरूरी खाद्य सामाग्री में शामिल किया जाए'

गुवाहाटी के निवासी अमित गोयल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि कोर्ट लॉकडाउन के बीच जरूरी समान की खरीदी को लेकर दिशा-निर्देश तय करे। इस दौरान मांग की गई थी कि चिकन-मटन को भी जरूरी खाद्य सामाग्री में शामिल किया जाए। इससे हर परिवार से एक सदस्य सप्ताह में एक बार घर से निकल कर जरूरी सामान, ग्रॉसरी, सब्जियां, चिकन मटन आदि आराम से खरीद सके। 

यह सभी सामान एक ही दुकान में उपलब्ध होना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करते हुए लोगों को सामान दिया जाना चाहिए। बेकार में पुलिस उन्हें डंडे मारकर न भगाए। याचिककर्ता अमित गोयल ने वकील कौशिक चौधरी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी। 

क्या हो जाएगा अगर कुछ दिन घर रह लेंगे और चिकन-मटन खाने को नहीं मिलेगाः सुप्रीम कोर्ट 

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एनवी रमना, संजय किशन कौल और बीआर गवई की पीठ ने याचिककर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने किस तरह की याचिका दायर की है? क्या हो जाएगा अगर कुछ दिन घर रह लेंगे और चिकन-मटन खाने को नहीं मिलेगा? चिकन-मटन के लिए बाहर जाने की जरूरत क्या है? आप बाहर निकल कर भीड़ क्यों बढ़ाना चाहते हो? क्या आप अपनी छोटी सी जिम्मेदारी नहीं निभा सकते हो? जिसके बाद जजों के बेंच ने यह याचिका खारिज कर दी है। 

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