भारत के औषधि महानियंत्रक की विषय विशेषज्ञ समिति ने COVID-19 वैक्सीन Corbevax को 12-18 साल के बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग की सिफारिश की है।
नई दिल्ली। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने हैदराबाद स्थित दवा कंपनी बायोलॉजिकल E के COVID-19 वैक्सीन, Corbevax को कुछ शर्तों के साथ 12-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग की सिफारिश की है।
देश के केंद्रीय दवा प्राधिकरण द्वारा जल्द ही दो खुराक वाली वैक्सीन कॉर्बेवैक्स को अंतिम मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एसईसी ने बच्चों और किशोरों में कॉर्बेवैक्स के क्लिनिकल स्टडी के सुरक्षा और प्रतिरक्षात्मकता डेटा की समीक्षा करने के बाद आपातकालीन उपयोग की सिफारिश की। सूत्रों के अनुसार टीके की अनुमानित लागत टैक्स छोड़कर 145 रुपए है।
Corbevax Covaxin के बाद दूसरा टीका होगा, जिसे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिलेगी। सूत्रों ने कहा कि हैदराबाद स्थित दवा कंपनी 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल के लिए जल्द ही डेटा जमा करेगी।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने कॉर्बेवैक्स के लिए पांच करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है। इससे पहले भारत सरकार ने पिछले साल 21 अगस्त को 30 करोड़ Corbevax खुराक का ऑर्डर दिया था। हैदराबाद स्थित कंपनी के इस महीने खुराक देने की उम्मीद है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने बायोलॉजिकल ई को कॉर्बेवैक्स का आपूर्ति आदेश जारी किया है। फार्मास्युटिकल कंपनी बायोलॉजिकल ई को हेटेरोलॉगस बूस्टर खुराक परीक्षणों की अनुमति भी मिली है।
1.5 करोड़ से अधिक किशोरों को लगा टीका
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को जानकारी दी कि देश भर में 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के 1.5 करोड़ से अधिक किशोरों को नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ पूरी तरह से टीका लगाया गया है।
अभी किशोरों के लग रहा सिर्फ कोवैक्सिन
वर्तमान में भारत में केवल 15-17 साल के किशोरों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। सरकार टीकाकरण के लिए टीका उपलब्ध कराती है। किशोरों को सिर्फ कोवैक्सिन दिया जा रहा है। सीमित उत्पादन के चलते कोरोना की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है। कोवैक्सिन का उपयोग वयस्कों में प्राथमिक टीकाकरण के साथ-साथ पात्र लोगों को "एहतियाती" या बूस्टर खुराक देने के लिए भी किया जाता है।
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