सिक्योरिटी कंपनी के एक डायरेक्टर पर अपने कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड को हड़पने का आरोप है। छह साल से कर्मचारियों के पीएफ का शेयर जमा करने की बजाय उसे फ्राड कर निकाल लिया गया था।
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार का दीमक पूरे सिस्टम तक फैल चुका है। भोसरी में एक सिक्योरिटी एजेंसी के डायरेक्टर को भविष्य निधि के धन में हेराफेरी करने के आरोप में अरेस्ट किया गया है। डायरेक्टर पर कर्मचारियों के 28.3 लाख रुपये धोखाधड़ी से हड़पने का आरोप है। आरोप है कि कर्मचारियों के भविष्य निधि का धन कंपनी के जिम्मेदार ने कई सालों से जमा ही नहीं किया गया। 2016 से जांच होने तक एक भी रुपया कर्मचारियों के अकाउंट में जमा नहीं हुआ। एक शिकायतकर्ता के सिलसिलेवार शिकायत और जांच के बाद मामला सामने आया। हालांकि, मामले में केस दर्ज कर पुलिस जांच भी शुरू हो चुकी है।
काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन से पीएफ कटा लेकिन जमा नहीं
भोसरी के अलंदी रोड स्थित कंपनी ने कथित तौर पर भविष्य निधि जमा करने के नाम पर कर्मचारियों के वेतन से पैसे काट लिए। सरकार द्वारा अनिवार्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) खाते में पैसा जमा नहीं किया गया था। कई सालों से कंपनी ऐसा करते आ रही थी। जानकारी के मुताबिक कथित तौर पर धन की हेराफेरी अप्रैल 2016 में शुरू हुई। कर्मचारियों से पीएफ का धन हर महीने सैलरी या मानदेय से काटा जाता लेकिन उसे उनके ईपीएफओ खाता में नहीं डलवाया जाता। जून 2021 में जांच के बाद सारा मामला सामने आया। पता चला कि कंपनी के डायरेक्टर ने भविष्य निधि का पूरा धन डकार लिया है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, कथित तौर पर इन वर्षों में कुल ₹28,38,969 की हेराफेरी की गई।
कंपनी पर धन के धोखाधड़ी का आरोप
सुरक्षा सेवा कंपनी के 43 वर्षीय निदेशक पर धन का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करने का आरोप है। भोसरी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। भोसरी थाने के पुलिस उपनिरीक्षक एस केंद्रे मामले की जांच कर रहे हैं।
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