भारतीय मुसलमानों को कई रिफॉर्म्स तेजी से लागू करने चाहिए ताकि मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकार की जानकारी मिल सके। वे देश के विकास में अपना योगदान दे सकें और मानवता को भी बढ़ावा मिले।
Indian Muslims. देश के तेज विकास में भारतीय मुसलमान बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। भारत में करीब 15 प्रतिशत की आबादी मुसलमानों की है और वे भारत को महान देश बनाने में अपनी बेहतर भूमिका निभा सकते हैं। वे न सिर्फ भारत को विकसित देश बना सकते हैं कि देश में शांति और समृद्धि भी ला सकते हैं। यहां हम आपको ऐसे ही 7 प्वाइंट्स बता रहे हैं, जिससे भारतीय मुसलमान भारत को महान देश बना सकते हैं।
1. एजुकेशन
विकास और समृद्धि के लिए एजुकेशन सबसे महत्वपूर्ण फैक्ट है। भारतीय मुसलमानों को अच्छी शिक्षा खासकर साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यह उन्हें व्यक्तिगत रुप से तो समृद्ध तो बनाएगा ही साथ में देश के विकास में भी सहायक होगा। मुसलमानों में लिट्रेसी रेट 68.5 प्रतिशत है जो कि नेशनल एवरेज से काफी कम है। मदरसा शिक्षा को रेगुलर एजुकेशन की तरह बनाना होगा। हाल के कुछ वर्षों में कम्युनिटी ने बेहतर शिक्षा के काफी पहल की है।
2. एंटरप्रेन्योरशिप
भारतीय मुसलमानों को एंटरप्रेन्योरिश की तरफ ध्यान देना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बिजनेस अपना सकें। कम्युनिटी को विप्रो चेयरमैन अजीम प्रेमजी, लुलू ग्रुप के चेयरमैन एमए युसुफ अली, सिप्ला के चेयरमैन युसूफ ख्वाजा हमीद जैसे बड़े उद्योगपतियों की तरह आगे बढ़ना चाहिए। इससे कम्युनिटी में बेरोजगारी भी खत्म होगी और लोगों को आगे पढ़ने का मौका मिलेगा।
3. कम्युनिटी डेवलपमेंट
भारतीय मुसलमानों को कम्युनिटी के विकास में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। भारतीय मुसलमानों को कम्युनिटी में सोशल वेलफेयर प्रोजेक्ट्स, हेल्थ इनीशिएटिव और एजुकेशन प्रोग्राम के जरिए बढ़ावा देने की जरूरत है। विश्वास पर आधारिक संगठन इसमें बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं और गर्वनमेंट और एनजीओ के बीच के गैप को भी दूर किया जा सकता है।
4. राजनैतिक सहभागिता
भारतीय मुसलमानों को राजनीति में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए, वोटिंग के लिए आगे आना चाहिए। साथ ही पब्लिक ऑफिसेस का उपयोग करना चाहिए। इससे कम्युनिटी देश में होने वाले बदलावों और नीतियों को बनाने में भागीदार बनेगी। उन्हें विकास और समृद्धि को बाकी सभी चीजों से उपर रखना चाहिए ताकि उन्हें लोकतंत्र का पूरा फायदा मिल सके। भारत में कई मुसलमानों ने सबसे बड़े पदों को सुशोभित किया है। जैसे भारत के राष्ट्रपति, भारत के उपराष्ट्रपति, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, चीफ इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया और इंटेलीजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर तक बने हैं। इससे कम्युनिटी का विश्वास बढ़ा है और आगे बढ़ने के समान मौके मिले हैं।
5. आपसी सद्भाव
भारतीय मुसलमानों को आपसी सद्भाव बनाने रखने में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए और कम्युनिटी के भीतर पुल की तरह इसका इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि लोगों के बीच की सामाजिक दूरियां कम हों। यह काम सांस्कृतिक आदान-प्रदान, कम्युनिटी इवेंट और बातचीत के माध्यम से बेहतर तरीके से किया जा सकता है। इससे विभिन्न समुदायों के धार्मिक विश्वास को मजबूती मिलेगी। मौजूदा वक्त में दूसरे धर्मों के प्रति कई सारी गलतफहमियां हैं और दूसरे धर्मों में इस्लाम के प्रति कई गलत विचार भी हैं। यह सबकुछ बातचीत के माध्यम से संभव हो सकता है।
6. देशभक्ति
भारतीय मुसलमानों को देश के प्रति गर्व का अहसास होना चाहिए और देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। भारतीय मुसलमानों को स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। कम्युनिटी में यह कन्फ्यूजन है कि देशभक्ति के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं है। जावेद अहमद जैसे स्कॉलर्स ने भी कहा कि राष्ट्रवाद पॉजिटीव फोर्स है, जिससे उनके अधिकारों की रक्षा होती है और विकास होता है। जावेद अहमद घमीदी ने अपनी किताब में लिखा है कि इस्लाम और सुन्ना में राष्ट्रवाद को वर्जित नहीं माना गया है।
7. मुस्लिम महिलाएं और हाशिए पर मुसलमान
भारतीय मुसलमानों को देश में होने वाले रिफॉर्म्स को आगे बढ़कर अपनाना चाहिए ताकि कम्युनिटी का विकास हो सके। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि मुस्लिम कम्युनिटी हमेशा नए विचारों के खिलाफ रहती है। यही वजह है कि मुस्लिम कम्युनिटी में महिलाओं, पसमांदा मुस्लिम, शिया, अहमदी को लेकर काफी मतभेद हैं। सभी समुदायों को साथ लेकर चलने में ही भलाई है। भारतीय मुसलमानों को यह सभी रिफॉर्म अपनाकर भारत की महान सेवा कर सकते हैं।
( यह आर्टिकल आवाज द वॉयस में पब्लिश हुआ है और उनकी अनुमति के बाद पब्लिश कियाा जा रहा है)