पोस्ट बजट वेबिनार के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज(28 फरवरी) को 'टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से जीवन को सुगम बनाना- Ease of Living using Technology ' विषय पर अपने विचार रखे।
नई दिल्ली. पोस्ट बजट वेबिनार के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज(28 फरवरी) को 'टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से जीवन को सुगम बनाना- Ease of Living using Technology ' विषय पर अपने विचार रखे। केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार द्वारा की गईं घोषणाओं के सटीक कार्यान्वयन और विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल के मकसद से पोस्ट-बजट वेबिनार हो रहे हैं। 23 फरवरी से शुरू हुई यह सीरिज 11 मार्च तक चलेगी। मोदी इनमें संबोधन दे रहे हैं।
21वीं सदी का भारत टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने नागरिकों को लगातार सशक्त बना रहा है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी सरकार के प्रत्येक बजट में प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिए 'ईज ऑफ लिविंग' सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
जनधन खाते, आधार और मोबाइल...इन तीनों के कारण करोड़ों गरीबों के खाते में सीधे पैसा भेजना संभव हुआ है। उसी प्रकार से टेक्नोलॉजी, आरोग्य सेतु और CoWIN एप का महत्वपूर्ण साधन बनी। इससे कोरोना के दौरान ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन में बड़ी मदद मिली।
एक समय था जब समाज का एक बहुत बड़ा तबका सिर्फ पीड़ित था, मदद का इंतजार करना छोड़ दिया था, सरकार के दखल का इंतजार करना छोड़ दिया था, बीच-बीच में; यह वास्तव में खेदजनक स्थिति थी।
इस साल के बजट में ह्यूमन टच पर ध्यान देने के साथ-साथ टेक्नोलॉजी पर और जोर दिया गया है।
टेक्नोलॉजी हर किसी तक सही और सटीक इंफॉर्मेशन पहुंचाकर सबको आगे बढ़ने का समान अवसर दे रही है। हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर इंवेस्ट कर रही है।
आज नागरिकों के जीवन में दखल और सरकार का दबाव दोनों कम हो रहे हैं। लोग अब सरकार को बाधा नहीं, बल्कि नए अवसर मुहैया करने के लिए उत्प्रेरक मानते हैं!
टेक्नोलॉजी की मदद से हम हर व्यक्ति के लिए DigiLocker की सुविधा लेकर आए हैं। यहां कंपनियां और MSMEs अपनी फाइलों को स्टोर कर सकते हैं, उसे विभिन्न रेग्युलेटर्स और सरकारी विभागों के साथ शेयर कर सकते हैं।
राष्ट्र के युवाओं को टेक्नोलॉजी का सर्वोत्तम संभव तरीके से उपयोग करने के लिए आगे आना चाहिए, ताकि हमारी समस्याओं का सर्वोत्तम समाधान किया जा सके; देश में हैकथॉन का आयोजन इस दिशा में उत्कृष्ट प्रयास रहा है।
ऐसे सामाजिक मुद्दों को पहचानने की जरूरत है, जिनका समाधान एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से दिया जा सकता है।
'Zero Defect, Zero Effect' हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमारी क्वालिटी में कोई कंप्रोमाइज नहीं होना चाहिए और उसमें Technology बहुत मदद कर सकती है। हम Technology की मदद से प्रोडक्शन में बहुत फिनिश-वे में प्रोडक्ट लेकर आ सकते हैं और तभी ग्लोबल मार्केट हम कैप्चर कर सकते हैं।
21वीं सदी Technology driven सदी है। उसको हम जितना जल्दी फैलाएं, जितना जल्दी सरल बनाएं और जितना जल्दी जन सामान्य को सशक्त करने वाला बनाएं, उतना देश का और लोगों का कल्याण होने वाला है। जितनी जल्दी हम इस चरण को सरल करेंगे और नागरिकों को सशक्त करेंगे, उतना ही समाज का, राष्ट्र का कल्याण सुनिश्चित होगा।
सारा ज्ञान सिर्फ सरकार के पास है न हमारा विश्वास है और न ही दावा। इसलिए, मैं सभी हितधारकों से आग्रह करता हूं कि वे आएं और इस टेक्नोलॉजी संचालित 21वीं सदी में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।
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