दिल्ली हिंसा: पुलिस पर बंदूक तानने वाला पहुंचा जेल तो हालत हुई खराब, खाना-पीना भी छूटा, सो भी नहीं पाया

दिल्ली हिंसा में पुलिस पर बंदूक तानने वाले आरोपी शाहरुख 4 दिन की पुलिस रिमांड पर है। उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया था। हिरासत के दौरान शाहरुख की पहली रात क्राइम ब्रांच में गुजरी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहरुख रात भर जागता रहा।

Asianet News Hindi | Published : Mar 4, 2020 11:55 AM IST / Updated: Mar 04 2020, 06:41 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा में पुलिस पर बंदूक तानने वाले आरोपी शाहरुख 4 दिन की पुलिस रिमांड पर है। उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया था। हिरासत के दौरान शाहरुख की पहली रात क्राइम ब्रांच में गुजरी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहरुख रात भर जागता रहा। रात में उसे खाना दिया गया, लेकिन उसने खाना भी नहीं खाया। 

गोली चलाने के बाद काफी डरा था शाहरुख
पुलिस के मुताबिक, शाहरुख ने पूछताछ में बताया कि वह गोली चलाने के बाद काफी डरा हुआ था। उसने बताया कि गोली चलाने के बाद वह घर गया। वहां टीवी पर खुद को देखकर डर गया।

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टेंशन दूर करने के लिए क्लब गया
टीवी पर खुद को देखकर शाहरुख डर गया था। उसने घर पर कपड़े बदले और गाड़ी लेकर हौज खास गया। वहां रात भर क्लब में घूमता रहा। इस दौरान उसने डांस भी किया।  

सीपी में पार्किंग में सो गया
पुलिस के मुताबिक, 25 फरवरी को शाहरुख दिल्ली में ही था। वह कनॉट प्लेस पर ही घूमता रहा। गाड़ी को पार्किंग में लगाकर वहीं पर सो गया। इसके बाद 26 फरवरी को शाहरुख गाड़ी से ही जालंधर गया। 

दोस्त ने मिलने से कर दिया मना
जालंधर में शाहरुख ने अपने दोस्त को फोन कर बुलाया, लेकिन उसने आने और मिलने से मना कर दिया। वह शाहरुख को टीवी पर देखकर डर गया था। इसके बाद शाहरुख वहां से भागकर शामली पहुंचा। जहां पुलिस को उसे हिरासत में ले लिया।

टिक-टॉक और जिम का शौकीन है शाहरुख
पुलिस के मुताबिक शाहरुख बीए सेकंड ईयर का स्टूडेंट है। वह मॉडलिंग करने का शौकीन है और टिक टॉक वीडियो बनाता है। पुलिस के मुताबिक, इसने हिंसा के दौरान तीन गोलियां चलाई थीं।

कब शुरू हुई थी दिल्ली हिंसा?
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में 23 फरवरी (रविवार) की शाम से हिंसा की शुरुआत हुई। इसके बाद 24 फरवरी पूरे दिन और 25 फरवरी की शाम तक आगजनी, पत्थरबाजी और हत्या की खबरें आती रहीं। हिंसा में 47 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक हेड कॉन्स्टेबल और एक आईबी का कर्मचारी भी शामिल है।

दिल्ली में कैसे शुरू हुई हिंसा?
सीएए के विरोध में शाहीन बाग में करीब 2 महीने से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। 23 फरवरी (रविवार) की सुबह कुछ महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगीं। दोपहर होते-होते मौजपुर में भी कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शाम को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। कपिल मिश्रा भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए, जिसके बाद मौजपुर चौराहे पर दोनों तरफ से ट्रैफिक जाम हो गया। इसी दौरान सीएए का समर्थन और विरोध करने वालों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। यहीं से विवाद ऐसा बढ़ा कि तीन दिन तक जारी रहा।

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